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  • “झारखंड की अर्थव्यवस्था: खनिज, उद्योग, विकास और प्रगति”

    खनिज संसाधन और औद्योगिक महत्व

    • झारखंड भारत के कुल खनिज संसाधनों का लगभग 40% हिस्सा रखता है।
      ➤ इसलिए इसे “रत्नगर्भा” या खनिज संपन्न मातृभूमि कहा जाता है।
    • खनिज संपन्नता के कारण झारखंड की तुलना जर्मनी के रूर क्षेत्र (Ruhr Region) से की जाती है।
      कोयल नदी क्षेत्र को “भारत का रूर” (Ruhr of India) कहा जाता है।
    • भारतीय खान ब्यूरो (Indian Bureau of Mines) के अनुसार, झारखंड में 58 प्रकार के खनिज पाए जाते हैं।
    • राज्य की अर्थव्यवस्था मुख्यतः खनन और खनिज-आधारित उद्योगों पर आधारित है।
    • मुख्य औद्योगिक शहर: जमशेदपुर, रांची, बोकारो, धनबाद

    भारतीय औद्योगिक इतिहास में झारखंड के ‘Firsts’ (परीक्षा हेतु उपयोगी तथ्य):

    • पहला उर्वरक कारखाना: सिंदरी (धनबाद)
    • पहला लोहा व इस्पात संयंत्र: जमशेदपुर
    • एशिया का सबसे बड़ा कोल वाशरी: पिपरवार (चतरा)
    • भारत का पहला कोल वाशरी: घाटोटांड (रामगढ़)
    • पहला मीथेन गैस प्रोजेक्ट: पारबतपुर (बोकारो)
    • 1779 में झरिया (धनबाद) में पहली बार आधुनिक प्रयास हुआ लोहा-इस्पात उत्पादन का।

    आर्थिक योगदान – क्षेत्रवार (2022-23)

    • आर्थिक सर्वेक्षण 2022–23 के अनुसार, द्वितीयक क्षेत्र (Secondary Sector) का GSVA में योगदान 33.6% है।

    मुख्य खनिज-आधारित उद्योग:

    • टाटा स्टील (पूर्व में TISCO)
    • टाटा मोटर्स (पूर्व में TELCO)
    • सिंदरी उर्वरक संयंत्र
    • हैवी इंजीनियरिंग कॉर्पोरेशन (HEC)

    प्रचुर खनिज:

    • लौह अयस्क, मैंगनीज, कोयला, डोलोमाइट – इस्पात उद्योग को सहारा देते हैं।
    • कॉपर, सल्फर, ऐसबेस्टस, बॉक्साइट, अभ्रक, यूरेनियम – तांबा, बिजली, एल्युमिनियम उद्योगों को सक्षम बनाते हैं।

    परिवहन और कनेक्टिविटी

    • झारखंड में सड़क, रेल और वायु परिवहन नेटवर्क का विकास हुआ है।
    • नदीय अंतर्देशीय परिवहन (Inland Water Transport) विकासशील नहीं है – नदियों का पहाड़ी स्वरूप एक बाधा है।
    • केवल मयूराक्षी नदी वर्षा ऋतु में परिवहन योग्य है।

    वन आधारित उद्योग

    झारखंड के घने वन क्षेत्रों से जुड़े प्रमुख उद्योग:

    • लकड़ी उद्योग
    • कागज और लुगदी उद्योग
    • लाख उद्योग

    ऊर्जा संसाधन

    • प्रमुख स्रोत: कोयला और जल विद्युत
    • अन्य नवीकरणीय स्रोत नगण्य हैं।
    • स्थापित विद्युत क्षमता: 2,735 मेगावाट
      स्वामित्व वितरण:
      • 55% – केंद्र सरकार
      • 20% – राज्य सरकार
      • 25% – निजी क्षेत्र

    पशुपालन और डेयरी

    • 20वीं पशुगणना 2019 के अनुसार, कुल पशुधन: 2.36 करोड़
    • प्रति व्यक्ति दुग्ध उपलब्धता (2019–20): 182 ग्राम/दिन

    डिज़ाइन व औद्योगिक पार्क (प्रस्तावित परियोजनाएं)

    • रांची में डिज़ाइन संस्थान (NID अहमदाबाद के सहयोग से प्रस्तावित)
    • रांची और खरसावां में रेशम पार्क प्रस्तावित
    • देवघर में प्लास्टिक पार्क स्थापित
    • हजारीबाग का पुलिस प्रशिक्षण केंद्र – पुलिस अकादमी में अपग्रेड किया जाएगा
    • रांची में जांच प्रशिक्षण स्कूल की स्थापना प्रस्तावित

    विकास दर और प्रति व्यक्ति आय (2020–23)

    • आर्थिक विकास दर:
      • 2020-21: 5.6%
      • 2021-22: 7.6%
      • 2022-23 (अनुमानित): 8.5%
    • प्रति व्यक्ति आय (2022–23): ₹86,060
      J&K पुनर्गठन के बाद झारखंड की रैंक: 26वीं

    विशेष पहल और बैंकिंग

    • 2019–20 में भारत का पहला चाइल्ड बजट झारखंड ने पेश किया।
    • पहला फिश क्रेडिट कार्ड – झारखंड राज्य सहकारी बैंक द्वारा जारी।

    लीड बैंक योजना (Lead Bank Scheme):

    • SBI: 7 जिले
    • इंडियन बैंक: 2 जिले
    • बैंक ऑफ इंडिया: 15 जिले

    श्रम भागीदारी और बेरोजगारी (2022–23)

    श्रेणीश्रम भागीदारी (%)बेरोजगारी दर (%)
    कुल65.13.4
    ग्रामीण69.42.0
    शहरी50.19.8
    पुरुष82.94.8
    महिला47.00.8

    गरीबी: वैश्विक बहुआयामी गरीबी सूचकांक (MPI) 2021

    • 42.16% जनसंख्या गरीब (बिहार के बाद दूसरा सबसे अधिक – 51.91%)
    • 2005–06 में गरीबी दर: 74.9%, जिसमें भारी गिरावट दर्ज की गई।
    • 2005-06 से 2015-16 के बीच, झारखंड में सबसे अधिक गरीबी में गिरावट (72 लाख लोग) हुई।

    MPI स्कोर (2021):

    • कुल: 0.202
    • ग्रामीण: 0.246
    • शहरी: 0.067

    सबसे गरीब जिले:

    • चतरा – 60.74%
    • पाकुड़ – 60.66%
    • पश्चिमी सिंहभूम – 57.60%
    • साहिबगंज – 55.93%
    • गढ़वा – 53.26%

    कम से कम गरीब जिले:

    • पूर्वी सिंहभूम – 23.99%
    • रांची – 27.7%

    शहरी विकास (जनगणना 2011)

    • शहरी जनसंख्या: 24.05% (राष्ट्रीय औसत 32% से कम)
    • कुल नगर/शहर: 228

    वर्गीकरण:

    • मिलियन-प्लस शहर: 3
    • Class I (1–10 लाख): 7
    • Class II (50 हजार–1 लाख): 12
    • Class III (20–50 हजार): 39
    • Class IV (10–20 हजार): 48
    • Class V (5–10 हजार): 90
    • Class VI (5 हजार से कम): 29
    • कुल स्लम जनसंख्या: 3,72,999
      Class I शहरों में सर्वाधिक, Class V में सबसे कम
      ➤ स्लम साक्षरता दर: 65%
      ➤ स्लम में कार्यरत जनसंख्या: 68%

    बजट 2023–24 (प्रमुख बिंदु)

    पैरामीटरराशि (₹ करोड़)
    राजस्व प्राप्ति98,337.15
    पूंजी प्राप्ति18,080.85
    कुल प्राप्ति1,16,418.00
    राजस्व व्यय84,676.00
    पूंजी व्यय31,742.00
    राजकोषीय घाटा₹11,674.57 (2.76%)
    प्राथमिक घाटा₹4,887.48 (1.15%)
    राजस्व घाटा₹13,661.15 (-3.40%)
    प्रभावी राजस्व घाटा₹20,764.19 (-4.91%)

    11वीं और 12वीं पंचवर्षीय योजनाओं में विकास लक्ष्य

    क्षेत्र11वीं योजना लक्ष्य11वीं में प्राप्त12वीं योजना लक्ष्य
    प्राथमिक क्षेत्र6.3%7.8%6.5%
    द्वितीयक क्षेत्र12.0%12.6%12.5%
    तृतीयक क्षेत्र8.0%10.2%17.5%
    कुल GSDP वृद्धि9.8%7.2%10.0%

    क्षेत्रवार GSVA योगदान एवं विकास दर (2022–23)

    क्षेत्रविकास दरGSVA में योगदान
    प्राथमिक8.8%21.8%
    द्वितीयक7.0%33.6%
    तृतीयक7.5%44.6%


    Also read in English:- https://jharkhandexam.in/jharkhand-economy-explained-minerals-industries-growth-development/