
झारखंड, जिसे अक्सर भारत का खनिज हृदय स्थल कहा जाता है, देश के औद्योगिक और ऊर्जा क्षेत्र को शक्ति प्रदान करने में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। भारत के कुल खनिज भंडार का 40% से अधिक हिस्सा इस पूर्वी राज्य में स्थित है। यहां के प्राकृतिक संसाधनों की श्रृंखला चौंकाने वाली है—झरिया और उत्तर करमपारा जैसे विशाल कोयला क्षेत्र से लेकर पूर्वी सिंहभूम और रांची पठार में उच्च-मूल्य वाले यूरेनियम और थोरियम के भंडार तक।
झारखंड भारत का एकमात्र राज्य है जो उच्च गुणवत्ता वाला कोकिंग कोयला (Prime Coking Coal) उत्पन्न करता है, जो इसे इस्पात उद्योग के लिए अनिवार्य बनाता है।
इस विस्तृत इन्फोग्राफिक का उद्देश्य
यह झारखंड के खनिज खजाने की एक दृश्यात्मक प्रस्तुति प्रदान करता है। इसमें मुख्य कोयला भंडार (2021 के आंकड़ों) को उनके आयतन के अनुसार दर्शाया गया है, यूरेनियम और थोरियम के महत्वपूर्ण खनन क्षेत्रों को इंगित किया गया है, और झारखंड राज्य खनिज विकास निगम (JSMDC) के अंतर्गत प्रमुख खनन परियोजनाओं का विवरण दिया गया है—जैसे ग्रेफाइट, चूना पत्थर, क्यानाइट और ग्रेनाइट पॉलिशिंग।
इसके अलावा, यह भारत के खनिज भंडारों में झारखंड की राज्य-वार हिस्सेदारी को पाई चार्ट्स के माध्यम से दर्शाता है, और दुर्लभ तथा रणनीतिक खनिजों जैसे बेरीलियम, इल्मेनाइट, ज़िरकोन, और एपेटाइट को स्थान-विशिष्ट चिह्नों के साथ प्रस्तुत करता है।
विश्वसनीय स्रोत: Indian Mineral Yearbook 2021 और Jharkhand Economic Survey 2022–23।
उपयोगी संदर्भ—शोधकर्ता, नीति निर्माता, उद्योग विशेषज्ञ और विद्यार्थी।
मुख्य विशेषताएं (Key Highlights)
- कोयला, प्राइम कोकिंग कोयला, मीडियम कोकिंग कोयला, पन्ना (Emerald), और रॉक फॉस्फेट के भंडार में देश में प्रथम स्थान।
- लौह अयस्क, निकल, एंडालुसाइट, कोबाल्ट, सेमी-कोकिंग कोयला, एपेटाइट के भंडार में दूसरा स्थान।
- तांबा, ग्रेनाइट, एस्बेस्टस, नॉन-कोकिंग कोयला, ग्रेफाइट, यूरेनियम, चांदी के भंडार में तीसरा स्थान।
- बॉक्साइट, क्रोमाइट, अभ्रक, क्वार्ट्ज, फेल्सपार, मैंगनीज, सोना आदि में चौथे से सातवें स्थान पर।
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कोकिंग कोयला, यूरेनियम और पाइराइट का एकमात्र उत्पादक राज्य — आर्थिक सर्वेक्षण 2022–23
खनिजों से राजस्व (2022–23)
- कुल रॉयल्टी राजस्व: ₹4492.22 करोड़
- शीर्ष 3 ज़िले (रॉयल्टी योगदान में):
- पश्चिम सिंहभूम (चाईबासा)
- धनबाद
- चतरा
धात्विक खनिज (Metallic Minerals)
(A) फेरस धात्विक खनिज (Ferrous Metallic Minerals)
- लौह अयस्क (Iron Ore)
- झारखंड के पास भारत के 26% लौह अयस्क भंडार हैं।
- पश्चिम सिंहभूम में हेमेटाइट अयस्क सर्वाधिक।
- नोआमुंडी—एशिया की सबसे बड़ी लौह अयस्क खान।
- चिरिया—भारत की सबसे बड़ी लौह अयस्क खदान।
- 99% अयस्क हेमेटाइट ग्रेड (60–68% लोहा)।
- चुंबकीय लौह अयस्क (Magnetite): पूर्वी सिंहभूम, पलामू, गुमला, हजारीबाग, लातेहार।
- प्रारंभिक खनन: 1924 में सिंहभूम में।
- मुख्य उत्पादक कंपनियां: SAIL, Tata Steel, Rungta Mines Pvt. Ltd.
- क्रोमाइट (Chromite)
- प्रमुख भंडार: जोजोहाटु, पश्चिम सिंहभूम
- लगभग 7.36 लाख टन भंडार
- स्टेनलेस स्टील और रसायन उद्योग में उपयोग।
- मैंगनीज (Manganese)
- मुख्यतः सिंहभूम क्षेत्र में।
- अनुमानित भंडार: 13.7 मिलियन टन
- उपयोग: इस्पात निर्माण, ड्राई सेल, रसायन उद्योग।
- जिंक (Zinc)
- स्थान: संथाल परगना, हजारीबाग, पलामू, रांची, सिंहभूम।
- टिन (Tin)
- स्रोत: कैसिटराइट, आग्नेय शैलों में।
- स्थान: हजारीबाग, रांची, सिंहभूम, संथाल परगना, पलामू।
- निकल (Nickel)
- उत्पादन: घाटशिला कॉपर स्मेल्टिंग प्लांट (HCL)।
- यूरेनियम के साथ पाया जाता है—जादूगुड़ा।
- सोना (Gold)
- प्रमुख क्षेत्र: कुंदरकोचा (पूर्वी सिंहभूम)
- भारत की पहली निजी सोना खदान—Manmohan Mineral Industries Pvt. Ltd.
- झारखंड कर्नाटक के बाद दूसरे स्थान पर।
- नदियाँ: सुवर्णरेखा और सोन में कण मौजूद।
- नए स्रोत: हरजा, शिवपहाड़ी, लावा, कुचाई, परासी, पहाड़िहा।
- चांदी (Silver)
- स्थान: रांची और मौभंडार (घाटशिला)
- भारत के कुल चांदी भंडार का लगभग 5%।
- मोलिब्डेनम (Molybdenum)
- उपयोग: इस्पात एवं ढलाई उद्योग।
- स्रोत: जादूगुड़ा में यूरेनियम के साथ, 40–45 ppm तक।
(B) नॉन-फेरस धात्विक खनिज (Non-Ferrous Metallic Minerals)
- तांबा (Copper)
- भारत के कुल भंडार का 18.5% झारखंड में।
- मुख्य क्षेत्र: पूर्वी सिंहभूम—मोसाबनी, धोबनी, सुरदा, केंदाडीह, रक्खा, घाटशिला आदि।
- ऐतिहासिक खान: 1930, Indian Copper Corporation Ltd.
- वर्तमान: India Resources Ltd. द्वारा सुरदा खदान संचालन।
- स्मेल्टिंग केंद्र: हिंदुस्तान कॉपर लिमिटेड, घाटशिला।
- बॉक्साइट (Bauxite)
- उच्च गुणवत्ता (52–55% एल्यूमिनियम)।
- मुख्य क्षेत्र: लोहरदगा, गुमला, लातेहार, गोड्डा, साहिबगंज।
- प्रमुख कंपनी: Hindalco Industries Ltd.
- मूरी में रिफाइनिंग प्लांट।
- टंगस्टन (Tungsten)
- स्थान: पूर्वी सिंहभूम (कालामाटी), हजारीबाग
- उपयोग: विद्युत उपकरण, मिश्र धातु निर्माण।
अधात्विक खनिज (Non-Metallic Minerals)
- अभ्रक (Mica)
- प्रमुख क्षेत्र: कोडरमा (झुमरी तिलैया), गिरिडीह, हजारीबाग
- कोडरमा को कहा जाता है—भारत की अभ्रक राजधानी
- रूबी मिका—उच्च गुणवत्ता, निर्यात में 90% योगदान।
- उपयोग: इलेक्ट्रॉनिक उपकरण, सजावट, औषधि।
- क्यानाइट (Kyanite)
- प्रमुख स्थान: लिप्साबुरु (पूर्वी सिंहभूम)
- अन्य क्षेत्र: पश्चिम सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां
- उपयोग: अग्नि रोधक ईंट, चीनी मिट्टी के उत्पाद।
- ग्रेफाइट (Graphite)
- सबसे अधिक भंडार: पलामू, अन्य क्षेत्र: लातेहार, गढ़वा
- उपयोग: अग्नि रोधक उद्योग
- प्रमुख कंपनियाँ:
- Tamil Nadu Minerals Ltd (Palamu)
- Parijat Mining Industries Pvt. Ltd (Latehar)
- Krishna Kumar Poddar (Palamu)
- चूना पत्थर (Limestone)
- क्षेत्र: हजारीबाग, रांची, पलामू, बोकारो, गढ़वा आदि
- उपयोग: सीमेंट, लोहा-इस्पात उद्योग
- मुख्य उत्पादक: ACC Limited
- डोलोमाइट (Dolomite)
- प्रमुख क्षेत्र: डाल्टनगंज (पलामू), गढ़वा
- उपयोग: कागज़, सीसा, सीमेंट, इस्पात।
- एस्बेस्टस (Asbestos)
- क्षेत्र: पूर्वी सिंहभूम, पश्चिम सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां
- उपयोग: छत की चादरें।
- बेंटोनाइट (Bentonite)
- झारखंड में इसे मुल्तानी मिट्टी कहा जाता है
- स्थान: साहिबगंज (बरहरवा, तालझारी), पाकुड़
- उपयोग: कॉस्मेटिक, डिटर्जेंट, पेपर, इंजीनियरिंग।
- ग्रेनाइट (Granite)
- स्थान: तुपुदाना (रांची)
- किस्में: Tiger Skin, Mayurakshi Blue, Sawan Rose, English Teak, Black Zebra
- अभी व्यापक खनन नहीं।
- सोपस्टोन और क्वार्ट्ज (Soapstone & Quartz)
- क्षेत्र: पूरा छोटानागपुर पठार और अन्य जिले।
झारखंड में ऊर्जा खनिज (Energy Minerals in Jharkhand)
कोयला (Coal)
झारखंड में भारत का सबसे अधिक कोयला भंडार है।
- झारखंड सरकार के आंकड़ों के अनुसार, भारत के कुल कोयले का लगभग 27.3% झारखंड में पाया जाता है।
- Indian Minerals Yearbook 2021 के अनुसार, भारत के कुल कोयला उत्पादन का 16.66% झारखंड से आता है।
- कोयला भंडार के मामले में झारखंड का पहला स्थान है; उत्पादन में यह छत्तीसगढ़ (22.12%), ओडिशा (21.53%), और मध्य प्रदेश (18.51%) के बाद आता है।
- झारखंड में कुल 113 कोयला खदानें हैं – जो देश में सबसे अधिक हैं।
- झारखंड के कुल कोयला उत्पादन का 95% दामोदर घाटी कोलफील्ड क्षेत्र से आता है।
- दामोदर घाटी भारत में 100% कोकिंग कोयला उत्पादन करती है – झारखंड ही एकमात्र राज्य है जो इसका उत्पादन करता है।
दामोदर घाटी की प्रमुख खदानें – पिपरवार, सरधू, मगध, अशोक, संगमित्रा, अमरपाली, चंद्रगुप्त (हजारीबाग के बड़कागांव क्षेत्र में, उत्तर करमपारा कोलफील्ड)।
- कोयले की पहली खदान झरिया (धनबाद) में शुरू हुई थी।
- झरिया से झारखंड के कुल कोयले का 60% उत्पादन होता है।
- झरिया बीसीसीएल (भारत कोकिंग कोल लिमिटेड) के अंतर्गत आता है।
- बोकारो से राउरकेला स्टील प्लांट को कोयले की आपूर्ति होती है।
- झारखंड में बिटुमिनस (78-86% कार्बन) और एन्थ्रेसाइट (94-98% कार्बन) कोयले की किस्में पाई जाती हैं।
- राज्य के खनिज राजस्व का 75% कोयले से आता है।
- भारत का सबसे बड़ा कोयला उत्पादन क्षेत्र – झरिया,
- सबसे बड़ा कोलफील्ड (क्षेत्रफल अनुसार) – करमपारा।
विदेश-सहायता प्राप्त कोयला परियोजनाएं
- रूस-सहायता प्राप्त परियोजनाएं:
- झरिया से कुमारी ओपन कास्ट परियोजना
- झरिया से सितनाला कोलफील्ड परियोजना
- विश्व बैंक सहायता प्राप्त परियोजनाएं:
- झरिया कोकिंग कोल परियोजना
- राजरप्पा परियोजना
- दामोदर परियोजना
- राजमहल परियोजना
- कतरास परियोजना
झारखंड में कोयले के प्रकार
- कोकिंग
- सेमी-कोकिंग
- नॉन-कोकिंग
- कोकिंग व सेमी-कोकिंग का उपयोग ब्लास्ट फर्नेस में होता है।
- नॉन-कोकिंग कोयले का उपयोग स्पंज आयरन, थर्मल पावर, रेलवे, सीमेंट, उर्वरक, ईंट भट्ठी, और घरेलू ईंधन में होता है।
सेंट्रल कोलफील्ड्स लिमिटेड (CCL) संचालन
- जिले: बोकारो, गिरिडीह, रामगढ़, उत्तर व दक्षिण करमपारा
- कोल वॉशरीज़:
- कथारा व स्वांग (बोकारो)
- राजरप्पा व केदला (रामगढ़)
झारखंड में प्रमुख कोलफील्ड्स एवं कोयला भंडार (01-04-2021 तक)
(स्रोत: Indian Mineral Yearbook 2021 और झारखंड आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23)
क्रम. | कोलफील्ड | कुल भंडार (मिलियन टन) |
---|---|---|
1. | झरिया | 19531 |
2. | उत्तर करमपारा | 18967 |
3. | राजमहल | 18852 |
4. | पूर्वी बोकारो | 8284 |
5. | दक्षिण करमपारा | 7632 |
6. | पश्चिमी बोकारो | 5218 |
7. | औरंगाबाद | 2997 |
8. | रानीगंज | 2036 |
9. | रामगढ़ | 1906 |
10. | देवघर | 400 |
11. | हुतार | 250 |
12. | डालटनगंज | 144 |
प्राइम कोकिंग कोल (Prime Coking Coal)
- झारखंड भारत का एकमात्र राज्य है जो Prime Coking Coal का उत्पादन करता है।
- झरिया (धनबाद) इस उत्पादन का मुख्य क्षेत्र है।
- भंडार: लगभग 5313 मिलियन टन – जो भारत का 100% है।
- झारखंड का योगदान:
- मध्यम कोकिंग कोल – 90%
- सेमी कोकिंग कोल – 44%
- नॉन-कोकिंग कोल – 18.4%
- उपयोग – मुख्यतः धातु उद्योगों में।
यूरेनियम (Uranium)
- यूरेनियम एक परमाणु खनिज है।
- प्रमुख क्षेत्र: जादूगुड़ा, बगजाता, नारवापहाड़, केरुआ डुमरी, धालभूमगढ़, तुरामडीह, मोहुलडीह, भाटिन, बंदुहुरंग।
- जादूगुड़ा (पूर्वी सिंहभूम) – भारत की पहली यूरेनियम खदान (UCIL द्वारा 1967 में चालू)।
- भारत के कुल यूरेनियम उत्पादन का 100% झारखंड में होता है।
थोरियम (Thorium)
- एक अन्य परमाणु खनिज
- स्थान: रांची पठार और धनबाद क्षेत्र
इल्मेनाइट (Ilmenite)
- परमाणु संबंधी खनिज,
- रांची में पाया जाता है।
- भारत का मात्र 0.12% इल्मेनाइट झारखंड में है।
- उपयोग: अंतरिक्ष यानों और टाइटेनियम के उत्पादन में।
बेरिलियम (Beryllium)
- बेरील पत्थरों से निकाला जाता है।
- क्षेत्र: कोडरमा, गिरिडीह
जिरकॉन (Zircon)
- क्षेत्र: रांची और हजारीबाग
झारखंड राज्य खनिज विकास निगम (JSMDC)
- उद्देश्य: खनिज संसाधनों का दोहन व प्रबंधन
- स्थापना वर्ष: 2002
प्रमुख परियोजनाएं:
क्रम. | परियोजना नाम | स्थान | जिला |
---|---|---|---|
1. | सिकनी कोयला परियोजना | सिकनी | लातेहार |
2. | बेंती-बंगरा चूना पत्थर परियोजना | पतरातू | रांची |
3. | कयानाइट परियोजना | बहरागोड़ा | पूर्वी सिंहभूम |
4. | सेमरा-सलटुआ चूना पत्थर परियोजना | डालटनगंज | पलामू |
5. | बिश्रामपुर ग्रेफाइट परियोजना | बिश्रामपुर | पलामू |
6. | चांदुला-सिमलगोड़ा स्टोन चिप्स परियोजना | बरहरवा | साहेबगंज |
7. | ग्रेनाइट पॉलिशिंग इकाई | टुपुदाना | रांची |
झारखंड के खनिज भंडार (Mineral Reserves of Jharkhand)
(प्रमुख खनिज, कुल भंडार, भारत में हिस्सेदारी और जिले):
खनिज | कुल भंडार (MT) | भारत में हिस्सेदारी (%) | प्रमुख जिले |
---|---|---|---|
कोयला | 80356.2 | 27.37% | धनबाद, बोकारो, चतरा, हजारीबाग, दुमका आदि |
हेमेटाइट लौह अयस्क | 4596.62 | 25.70% | पश्चिमी सिंहभूम |
मैग्नेटाइट लौह अयस्क | 10.542 | 0.10% | पलामू, पूर्वी सिंहभूम |
एपेटाइट/फॉस्फेट | 7.27 | 27.70% | पश्चिमी सिंहभूम |
कोबाल्ट | 9 | 20.04% | पूर्वी सिंहभूम |
चांदी अयस्क | 23.84 | 5.10% | रांची, पूर्वी सिंहभूम |
तांबा अयस्क | 288.12 | 18.48% | पूर्वी सिंहभूम |
कयानाइट | 6.03 | 5.84% | पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां, पूर्वी सिंहभूम |
ग्रेफाइट | 12.91 | 7.38% | पलामू |
एस्बेस्टस | 0.154 | 0.69% | पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां |
फायरक्ले | 66.619 | 9.33% | धनबाद, बोकारो, हजारीबाग, पलामू |
क्वार्ट्ज/सिलिका | 156.521 | 4.47% | ई/प. सिंहभूम, देवघर, पलामू |
बेंटोनाइट | 0.98 | 0.17% | साहेबगंज |
बॉक्साइट | 146.323 | 4.20% | लोहरदगा, लातेहार, गुमला, गोड्डा, साहेबगंज |
चाइना क्ले/कैओलिन | 198.69 | 7.33% | लोहरदगा, रांची, दुमका |
फेल्डस्पार | 1.634 | 1.23% | दुमका, हजारीबाग, देवघर |
गार्नेट | 0.11 | 0.19% | कोडरमा, चतरा |
बेराइट | 0.035 | 0.04% | रांची, पलामू, पूर्वी सिंहभूम |
सोपस्टोन | 0.338 | 1.25% | पश्चिमी सिंहभूम, सरायकेला-खरसावां, पलामू |
डोलोमाइट | 41.43 | 0.53% | गढ़वा, पलामू, रांची |
चूना पत्थर | 634.41 | 0.37% | रामगढ़, हजारीबाग, बोकारो |
क्रोमाइट | 0.73 | 0.35% | पश्चिमी सिंहभूम |
मैंगनीज | 13.7 | 3.18% | पश्चिमी सिंहभूम |
निकेल | 9 | 4.76% | पूर्वी सिंहभूम |
सोना अयस्क | 8.15 | 0.09% | रांची, सिंहभूम |
गेरूआ (ओकर) | 0.215 | 0.14% | रांची, पलामू, सिमडेगा |
वर्मीकुलाइट | 0.03 | 1.23% | सिंहभूम, सिमडेगा, सरायकेला-खरसावां |
माइका (अभ्रक) | 0.002 | 0.30% | कोडरमा, गिरिडीह, हजारीबाग |
ग्रेनाइट | 8875340 | 19.36% | दुमका, कोडरमा, रांची, पलामू, सिमडेगा, गढ़वा |