Tag: झारखंड के नाटककार

  • झारखण्ड का साहित्य: प्रमुख उपन्यासकार, नाटककार और कवि – प्रतियोगी परीक्षाओं 2025 के लिए संपूर्ण गाइड

    झारखंड के आधुनिक साहित्य की विविध और समृद्ध दुनिया में प्रवेश करें, जिसमें प्रख्यात उपन्यासकारों, नाटककारों और कवियों के प्रभावशाली कार्य शामिल हैं, जो इस क्षेत्र की सांस्कृतिक विरासत और सामाजिक यथार्थ को उजागर करते हैं। यह विस्तृत ब्लॉग निम्नलिखित को उजागर करता है:

    • प्रमुख साहित्यिक हस्तियाँ और उनके प्रमुख कार्य
    • झारखंड की साहित्यिक पृष्ठभूमि में महत्वपूर्ण योगदान
    • JPSC, JSSC और अन्य राज्य स्तरीय परीक्षाओं के लिए आवश्यक तथ्य

    चाहे आप छात्र हों, शोधकर्ता हों या प्रतियोगी परीक्षा के उम्मीदवार, यह गाइड आपको झारखंड के साहित्यिक योगदानों की ठोस समझ प्रदान करता है।

    संथाली साहित्य (ऑस्ट्रो-एशियाटिक भाषा परिवार)

    संथाली साहित्य झारखंड की सबसे समृद्ध आदिवासी साहित्यिक परंपराओं में से एक है।
    यह ऑस्ट्रिक (ऑस्ट्रो-एशियाटिक) भाषा परिवार का हिस्सा है।

    परंपरागत संथाली कहानियों में जंगली जानवरों को पात्रों के रूप में प्रस्तुत किया जाता है।

    प्रारंभिक साहित्यिक योगदान:

    • 1852: संथाली भाषा में पहला प्रकाशन – “An Introduction to the Santhal Language”
    • 1867: “Santhalia and the Santhal” – लेखक: E.G. Mann
    • 1868: “A Vocabulary of Santhal Language” – लेखक: Rev. E.L. Puxley
    • 1873: “A Grammar of the Santhali Language” – लेखक: L.O. Skrefsrud
    • 1899: “Santhali-English and English-Santhali Dictionary” – लेखक: Campbell
    • 1929: “Materials for a Santhali Grammar” – लेखक: P.O. Bodding

    काव्य और कथा साहित्य:

    • 1936: “Onandhen Baha Dalwak” – मूल कविताओं का संग्रह (लेखक: Pal Jujhar Soren)
    • 1946: पहला उपन्यास – “Haimbak Aato (Haima का गाँव)”, रोमन लिपि में (लेखक: Kar Tayars)
    • दूसरा उपन्यास – “Mahila Chechet Dayi (महिला शिक्षिका)” – लेखक: Nanku Soren

    लिपि विकास:

    • 1941: पंडित रघुनाथ मुर्मू ने ओल चिकी लिपि का आविष्कार किया।
    • देवनागरी लिपि में पहली कविता-संग्रह – “कुकमु (सपना)” – लेखक: बालकिशोर साहू

    नाटक और मीडिया:

    • 1942: पहला साहित्यिक नाटक – “विदु-चंदन”, ओड़िया लिपि में – लेखक: रघुनाथ मुर्मू
    • 1947: पहली संथाली समाचार पत्रिका – “होड़ संवाद”, संपादक: डोमन साहू समीर (संथाली साहित्य के “भारतेंदु”)

    अन्य प्रमुख प्रकाशन:

    • “संथाली प्रवेशिका”डोमन साहू समीर (1951)
    • “हिन्दी-संथाली शब्दकोश”केवल सोरेन (1951)
    • “भुड़का इपिल”शरदा प्रसाद फिस्क (1953) – 41 कविताएँ
    • “दिसोम बाबा” – लोक गीतों का काव्य रूपांतरण (1953)

    संथाली साहित्य अकादमी पुरस्कार विजेता:

    कृतिलेखकवर्ष
    भावना (कविता)डुमनी बेसरा2005
    छेत रे चिकायना (नाटक)खेरवाल सोरेन2007
    मनमी (कहानी संग्रह)बादल हेम्ब्रम2008
    शाय सहेन्द (कविता)दमयंती बेसरा2009
    राही रावक कना (नाटक)भोगला सोरेन2010
    बचाओ लरहाई (कविता)आदित्य कुमार मरांडी2011
    मने रेना अरहंग (मोनोलॉग)गंगाधर हांसदा2012
    चांदा बोन्गा (कविता)अर्जुन चरण हेम्ब्रम2013
    माला मुड़ाम (नाटक)जमादार किस्कू2014
    पारसी खातिर (नाटक)रवि लाल टुडू2015
    नल्हा (कविता)गोविंद चंद्र मांझी2016
    टनच तारे (कविता)श्याम बेसरा ‘जीवी रेरक’2017
    शिशिरजली (कहानियाँ)कालीचरण हेम्ब्रम2019
    गुड़ डाक कासा डाक (कविता)रूपचंद हांसदा2020
    बचाओ अकोन गोज होड़निरंजन हांसदा2021
    सवर्णका बलिरे सनन पंजायकाजली सोरेन2022

    मुंडारी साहित्य (ऑस्ट्रो-एशियाटिक भाषा परिवार)

    मुंडारी भाषा गहराई से मौखिक परंपराओं और धार्मिक कथाओं में रची-बसी है।

    प्रमुख लोक कथाएँ (Folk Narratives):

    • “सोसो बोंगा” – एक धार्मिक लोकगाथा जिसे देवरा द्वारा सुनाया जाता है; यह बैले (नृत्य नाटिका) के रूप में प्रस्तुत की जाती है।
    • “मदुरा कहानी”मेनस एडया द्वारा संकलित एक प्रमुख लोक कथा संग्रह।

    प्रमुख प्रकाशन (Key Publications):

    • 1873: “मुंडारी प्राइमर” – लेखक: J.C. व्हिटली
    • 1882: “मुंडारी व्याकरण (Grammar)” – लेखक: A. नॉट्रॉट
    • 1891: “मुंडारी व्याकरण” – लेखक: D. स्मेट
    • 1899: “मुंडारी बाइबल” प्रकाशित
    • 1896 और 1903: व्याकरण पुस्तकों का प्रकाशन – लेखक: फादर हॉफमैन
    • 1912: “मुंडाज एंड देयर कंट्री” – लेखक: सर सी. रॉय
      यह मुंडा जनजाति के सामाजिक और सांस्कृतिक जीवन पर विस्तृत शोध है।
    • 1915: “एन्साइक्लोपीडिया मुंडारिका” – लेखक: जॉन हॉफमैन
      यह मुंडारी भाषा और संस्कृति का विश्वकोश है।

    लोक साहित्य व काव्य (Folk Songs and Poetry):

    • 1942: “मुंडा दुरंग” (लोकगीतों का संग्रह) – लेखक: डब्ल्यू.जी. आर्चर
    • 1956 और 1986: “मुंडारी फोल्कटेल्स” – लेखक: पी.के. मित्रा
    • “मुंडारी तुद कोठारी” – लेखक: मनमसिह मुंडा
    • “सोसो बोंगा (मुंडारी लोककथाएँ)” – लेखक: जगदीश त्रिगुणायत

    अन्य प्रमुख साहित्यिक कृतियाँ:

    • “बज रही बांसुरी”
    • “चंगा दुरंग”
    • “बिरसा भगवान”
    • “आदिवासी शाखाम”
      उपरोक्त सभी कृतियाँ जयपाल सिंह द्वारा रचित हैं।

    हो साहित्य (ऑस्ट्रो-एशियाटिक भाषा परिवार)

    Ho भाषा की अपनी विशिष्ट शब्दावली और उच्चारण प्रणाली है।
    मुख्य साहित्यिक योगदान:

    • 1840: The Grammatical Constructions of the Ho Language
    • 1866: Ho Kaji (Grammar) – लेखक: भीमराम सुलंकी
    • 1902: Folklore of the Kolhanएन.के. बोस और सी.एच. बॉम्बास
    • 1905: Grammar of the Kolए. नॉट्रॉट
    • 1915: Ho Grammarलायनेल बैरो
    • 1930: Ho लोकगीत और कहानियाँ Encyclopedia Mundarica में शामिल

    W.G. Archer की प्रसिद्ध पुस्तक:

    • शीर्षक: The Hill of Flutes
    • वर्ष: 1942
    • महत्व: Ho साहित्य की महाकाव्य के रूप में प्रसिद्ध
    • लिपि: देवनागरी

    पहली पुस्तक किसी Ho लेखक द्वारा:

    • शीर्षक: Rul
    • लेखक: सतीश कोड़ा मंगल

    अन्य महत्वपूर्ण कृतियाँ:

    • Ho Grammarलायनेल बार्लो
    • Ho Grammar and Vocabulary
    • पद्मश्री डॉ. जनम सिंह सोय की कृतियाँ:
      • आधुनिक हो (Aadhunik Ho)
      • वाहा सांगेन (कविता संग्रह)
      • कुही नाम (उपन्यास)
      • हरा सागेन (कविता)
      • हो कड़ी (निबंध)

    खड़िया साहित्य

    स्थिति: अभी विकास के प्रारंभिक चरण में
    प्रमुख प्रकाशन:

    • Introduction to Kharia Languageजी.सी. बनर्जी, 1894
    • Kharia Dictionary1934
    • The Khariasएस.सी. रॉय, 1937
      (खड़िया लोकगीत, कथाएँ, टोने-टोटके संकलित)
    • Kharia Olongडब्ल्यू.जी. आर्चर, 1942 (लोकगीतों का संकलन)

    प्रमुख खड़िया पत्रिकाएँ:

    • तर्दी
    • जोहार

    कुड़ुख (उरांव) साहित्य

    सभी आदिवासी भाषाओं में सर्वाधिक विकसित।
    मुख्य कृतियाँ:

    • An Introduction to the Oraon Languageओ. फ्लैक्स, 1874
    • Specimens of Languages of Indiaसर जॉर्ज कैंपबेल, 1874
    • Brief Grammar and Vocabulary of Oraonएफ. वेट्ज, 1886
    • Kurukh Grammarफर्डिनेंड हान, 1898
    • Kurukh-English Dictionaryफर्डिनेंड हान, 1903
    • Kurukh Folkloreए. ग्रिगनार्ड, 1909
    • Oraon-English Dictionaryए. ग्रिगनार्ड, 1924
    • लिर-खोरा-खेकेलरेव. हान और डब्ल्यू.जी. आर्चर, 1941
    • कुरुख सर्हा (व्याकरण)आहलाद तिर्की, 1949
    • कुरुख डांडीबिहारी लकड़ा, 1950
      • 2005 में साहित्य अकादमी भाषा सम्मान से सम्मानित
    • मूता पूंप-झुंपादेवले कुजूर, 1950 (कविता संग्रह)
    • विजबिनकोइग्नेस बेक, 1940
    • बोलता और धुमकुड़ियाआहलाद तिर्की द्वारा संपादित पत्रिकाएँ, 1949

    खोरठा साहित्य

    उत्पत्ति: अपभ्रंश से विकसित, इंडस वैली सभ्यता में प्रयुक्त खरोष्ठी लिपि के तत्वों का समावेश।
    मुख्य विषयवस्तु: राजाओं, रानियों, राजकुमारों की कहानियाँ, नैतिक शिक्षाएँ।

    महत्वपूर्ण कृतियाँ व लेखक:

    कृति का नामलेखकवर्ष
    नागपुरी फगशतक, लाल रंजना, झुमरबेनी राम मेहता, घासी राम
    टिटकी (कविता संग्रह)श्रीनिवास पनुरी1954
    महाभारत, सुदामा चरित्र, लंका कांड, उषा हरण, कृष्ण चरित्रश्रीनिवास पनुरी
    कंचन, दिव्य ज्योतिश्रीनिवास पनुरी1954
    कहानी, फोगली बुढ़िया करधनिराम बख्शी
    मातृभाषा, करम महात्म्यश्रीनिवास पनुरी1957
    कांति, नेरुआ लोटाबी.पी. केसरी
    मेघदूत (अनुवाद)श्रीनिवास पनुरी1968
    सांस्कृतिक अवधारणाएँ, तेतर की छाँवश्रवण गोस्वामी1970
    प्ररंग गोमके – जयपाल सिंहगिरिधारी राम गोंझू
    रामकथामृत, महाराजा मदरा मुंडाश्रीनिवास पनुरी1970
    सोना झारप्रफुल्ल कुमार राय
    खरी गड़ाकाली कुमार सुमन
    पुटुस फूलगजाधर महतो1988
    दाह (नाटक)सुखुमार1992
    डिंडक डोनीबंशीलाल1992
    भीमसेक संतफूलचंद महतो1993
    मुक्तिक डगरश्याम सुंदर1995
    लुआठी (पत्रिका)गिरिधारी गोस्वामी1999
    मेका मेकीना तमाटए.के. झा

    विशेष ईसाई साहित्य:

    • ईसू चरित: चिंतमणिफादर पीटर शांति नवरंगी, 1964
      नागपुरी में यीशु मसीह का जीवन वर्णन

    पंचपरगनिया साहित्य

    स्थापक कवि: विनोदिया कवि को पंचपरगनिया साहित्य का प्रवर्तक माना जाता है।
    मुख्य विषय: वैष्णव भक्ति, क्षेत्रीय चेतना, और लोक परंपरा
    प्रमुख योगदानकर्ता:

    • विनोदिया कविछोटानागपुर ताल मंजरी
    • सोबरन – पंचपरगनिया में कबीरपंथी परंपरा को बढ़ावा दिया

    कुर्माली साहित्य

    साहित्यिक विकास: अभी प्रारंभिक अवस्था में, लिखित साहित्य सीमित
    प्रथम शैक्षणिक अध्ययन: डॉ. नंद किशोर सिंह द्वारा
    प्रमुख लेखक एवं कृतियाँ:

    कृति का नामलेखक
    छोटानागपुर ताल मंजरीविनोद कवि
    करम गीत, नेठापालाजगराम
    भात भगवान, घघौरा, साधन संगीतबुधु महतो
    कुर्माली भाषा तत्वनिरंजन महतो
    कपिला मंगलसृष्टिधर सिंह कतियार
    पथें चलक लेहा नमस्कारखुदीराम महतो
    आदि शुमारी गीतराजेन्द्र प्रसाद महतो
    डॉ. नंद किशोर सिंह
    राजा उपेंद्र नाथ सिन्हा देव

    हिंदी साहित्य (झारखंड में)

    प्रमुख कहानीकार और रचनाएँ:

    लेखकप्रसिद्ध कहानियाँ
    राधाकृष्णसिंह साहब (1929), रामलीला, सजला, गल्पिका, गेंदा और गुलाब
    विद्याभूषणचेहरे के नीचे चेहरा
    शिवचंद्र शर्माकांच के तूफ़ान, पंचदश तंत्र
    रामचंद्र वर्माऊसर की दू
    योगेन्द्र नाथ सिन्हाडुंबी हो, आसमान तारा, मूंछ की लड़ाई, चलो बादल में छिप जाएँ
    भुवनेश्वर प्रसादभुवन
    शिवनंदन प्रसादआदि-अनादि-इत्यादि, कल्कि पुराण

    1. झारखंड के प्रमुख उपन्यासकार एवं उनकी प्रमुख कृतियाँ

    रामचीज़ सिंह

    • वल्लभ, राजपूतानी शान (1906 – झारखंड का पहला हिंदी उपन्यास), ललिता, उमाशंकर

    हवलदारी रामगुप्ता

    • आदमखोर, केन्द्र और परिधि, हस्तक्षेप

    हलधर

    • कंगाल की बेटी

    विनोद कुमार

    • समर शेष है, स्वयंसेवक, भटका साथी, अखर चौरासी

    रामदीन प्रसाद

    • विद्यार्थी, चलती पिटारी, सर्द छाया, गहरे के बाहर, गुनाह, बेलज्जत, सुनील एक असफल आदमी, पहिए, वासना

    डॉ. द्वारिका प्रसाद

    • मम्मी बिगड़ेंगे, रंजना

    सत्यनारायण शर्मा

    • आत्महंता, टूटी हुई ज़ंजीरें

    रोंद्रा

    • गायब होता हुआ देश

    राधाकृष्ण

    • रुलायी का कोरस, गूंगी, संगीता के मामा, रति, बेड़िया, फुटपाथ, रूपांतर, बोगस, सनसनी सपने, सपने बिकाऊ हैं, ग्लोबल गाँव के देवता

    रीता शुक्ला

    • रूपांतर, सनसनी सपने, अग्निपर्व, समाधान, कनिष्ठ उंगली का पाप

    योगेन्द्र नाथ सिन्हा

    • वनलक्ष्मी, वन के मन

    गोपाल दास ‘मुंजाल’

    • कितने जनम वैदेही, पूर्णिमा: एक याद, श्रमेव जयते

    कमल जोशी

    • इही नगरिया में कही विधि रहना, बहता तिनका

    ज्योति प्रकाश

    • सीधा रास्ता

    शंभूनाथ मुकुल

    • तुम लिखोगी सत्यभामा, तलहटी के अंधेरे में

    रमा सिंह

    • लौट आओ हैरी, गुलाब

    वचन पाठक सलील

    • स्नेह के आँसू

    बलराम श्रीवास्तव

    • छड़ी, कुटो पंथ

    गंगाप्रसाद कौशल

    • एक दिन, काली माटी, वनपथर

    शंभूनाथ प्रस

    • सुकिशिनी

    सी. भास्कर राव

    • बीते दिन, अपना देश, दिशा, दावानल, शोध

    आनंद शंकर माधवन

    • एनाक्षी, संघर्ष

    श्याम बिहारी लाल

    • धपेल, अग्निपुरुष

    श्यामसुंदर घोष

    • एक उल्लूक कथा, एक अपराजिता

    मनमोहन पाठक

    • गगन घटा घरानी

    कन्हाजी तोमर

    • तमाम जंगल

    वासुदेव

    • सुबह के इंतज़ार में

    शशिकर

    • पल कमजोर है

    अवधेश शर्मा

    • मि. अनफिट

    रमेश कुमार बाजपेई

    • रिक्त आस्था

    रतन वर्मा

    • रुक्मिणी

    देवेश टांटी

    • काल पुरुष

    वसंत कुमार

    • लहरों के तीर

    अनिता रश्मि

    • गुलमोहर के नीचे

    नोट: उपर्युक्त रचनाएँ राज्य स्तरीय परीक्षाओं में बार-बार पूछी गई हैं। लेखक-रचना जोड़ी को याद करना आवश्यक है।

    2. झारखंड के प्रमुख नाटककार एवं उनकी प्रसिद्ध नाट्य कृतियाँ

    द्वारिका प्रसाद

    • आदमी

    अनंत सहाय अखौरी

    • गृह का फेर (1913 – झारखंड का पहला हिंदी नाटक)

    रामदीन पांडेय

    • भारत छोड़ो, 1947, अधिक अन्न उपजाओ, बिगड़ी हुई बात

    स्वामी शिवानंद तीर्थ

    • सृष्टि की सांझ, वह अभी कुंवारी है

    राधाकृष्ण

    • जीवन यज्ञ, ज्योत्स्ना

    सिद्धनाथ कुमार

    • संताल बोधोदय, रंग और रूप, सृष्टि की सांझ, आदमी है, नहीं है, वह अभी अम्बारी है, रास्ता बंद है, मुर्दे जियेंगे, रोशनी शेष है, अशोक, आतंक आशियाना, देश के लिए

    बालमुकुंद पैनाली

    • पति सुधार केंद्र, समय, हमारी माँगें पूरी करो

    आनंद बिहार शरण

    • मुल्क और मजहब, रावण, चंबल का प्रतिशोध, रावण वध, इंद्रधनुष

    श्रवण कुमार गोस्वामी

    • तलाश, ये खास लोग

    अमरनाथ चौधरी

    • कहाँ हो परशुराम, सागर तट की नदी, अमीबा, श्रुतिरंग

    रतन प्रकाश

    • तपस्विनी

    अशोक पागल

    • पागलखाना

    शिव शंकर मिश्रा

    • झारखंड का अमृतपुत्र: मरांग गोमके जयपाल सिंह, महाराजा मदरा मुंडा

    विनय कुमार पांडेय

    • नहीं, लड़कियाँ, पारिजात और परिधि

    अशोक कुमार आंचल

    • मानदर बज उठा

    सत्यदेव नारायण किरण

    • मिडियोत्सव

    गिरिधारी राम गोईन, आनंदिता

    • विवरण उपलब्ध नहीं

    3. झारखंड के प्रमुख कवि एवं उनकी रचनाएँ

    सत्यनारायण शर्मा

    • मरूपथ, निर्वास द्वीप, तूफान

    गोपाल दास ‘मुंजाल’

    • घने अंधकार की ओर

    राधाकृष्ण

    • (कविता नाम पृथक रूप से नहीं)

    सोमदेव, सच्चिदानंद सहाय ‘मधुकर’

    • जननिस्तान, कनरावी, उपेक्षित, ताजमहल, नहीं है, यही है

    विद्याभूषण, वचंदेव कुमार, काशीनाथ पांडेय

    • (उल्लेख नहीं)

    कृष्णराज गुप्ता

    • उजड़ का एक कवि

    प्रभु नारायण विद्यार्थी

    • लेमनचूस

    अंकुर

    • ईश्वर अनागरिक है, कितना कुछ परिवेश का दर्द

    ये कवि झारखंड के सांस्कृतिक और भावनात्मक जीवन का गहरा प्रतिबिंब प्रस्तुत करते हैं।

    4. झारखंड से संबंधित अन्य प्रमुख लेखक एवं कृतियाँ (परीक्षा में पूछी गई)

    डॉ. रामदयाल मुंडा

    • आदि धर्म
    • The Jharkhand Movement: Retrospect and Prospect
    • आदिवासी अस्तित्व और झारखंड अस्मिता के सवाल

    सुलेमान मुर्मू

    • कोचे कड़वा (नाटक)

    मांझी रामदास टुडू

    • खेरवाल बंशो धरम पृथ्वी

    महाश्वेता देवी

    • अरण्येर अधिकार (बिरसा मुंडा आंदोलन पर आधारित बंगाली उपन्यास)

    विक्टर दास

    • Jharkhand: Castle Over Graves

    डॉ. महुआ माजी

    • मरांग घोड़ा नीलकंठ हुआ, मैं बोरिशैला (UK आधारित कहानी; पुरस्कृत कृति)

    5. झारखंड के प्रमुख आधुनिक लेखक (नवयुगीन साहित्य)

    तुहिन सिन्हा

    • The Thing Called Love, The Edge of Power, Of Love and Politics, 22 Yards, The Edge of Desire, ED – The Book of Father

    स्वप्नील पांडेय

    • The Soldier’s Girl (BIT मेसरा, रांची के पूर्व छात्र)

    नीलोत्पल मृणाल (दुमका से)

    • Dark Horse, Aghad (2016 में साहित्य अकादमी युवा पुरस्कार प्राप्त)

    निकीता सिंह

    • Love @ Facebook (2011), Every Time It Rains

    काजोल ऐकट

    • Asansol Amigos, Reason to Live, The Cotton Seed (पहली किताब 19 वर्ष की उम्र में)

    अतिरिक्त प्रमुख लेखक एवं कृतियाँ

    ज्ञान सिंह (मेदिनीनगर)

    • Something Like Love

    जोबा मुर्मू

    • ओलोन बाहा (अलंकार पुष्प)

    देवकी नंदन

    • निधारे आंखी जलानखी पाते (बाल साहित्य पुरस्कार प्राप्त)

    रघुनाथ मुर्मू

    • बिंदु चंदन (संथाली साहित्य)

    गणेश देवसाकर

    • देशेर कथा (ब्रिटिश सरकार द्वारा प्रतिबंधित)

    चेतन महाजन

    • The Bad Boys of Bokaro Jail

    अनुज लुगुन

    • बाघ और सुगना मुंडा की बेटी (मुक्तिबोध पुरस्कार 2009, भारत भूषण अग्रवाल पुरस्कार 2011)

    रामकृष्ण सिंह

    • The River Returns

    गजेन्द्र ठाकुर

    • कुरुक्षेत्र अंतरमणम् (मैथिली में)

    हंसदा सौवेंद्र शेखर

    • The Mysterious Element of Rugi Baske, The Adivasi Will Not Dance (प्रतिबंधित), वाजिका वर रामायण, दीहकथा, बेचारा केवट उदास है

    परीक्षा के लिए प्रमुख तथ्य

    झारखंड का पहला हिंदी उपन्यास: राजपूतानी शान (1906) – रामचीज़ सिंह
    झारखंड का पहला हिंदी नाटक: गृह का फेर (1913) – अनंत सहाय अखौरी
    बिरसा मुंडा आंदोलन पर प्रसिद्ध पुस्तक: Dust Storm and Hanging Mist – के.एस. सिंह
    पहला संथाली लघुकथा संग्रह: कुकाम
    प्रमुख राजनेता लेखक: रहबर की रहजनी – सरयू राय