
झारखंड राज्य गंगा नदी संरक्षण प्राधिकरण
विवरण | जानकारी |
---|---|
गठन की तिथि | 👉 20 फरवरी 2009 |
मुख्यालय | 👉 राँची |
अध्यक्ष | 👉 झारखंड के मुख्यमंत्री |
अन्य सदस्य
- राज्य के पर्यावरण मंत्री
- वित्त मंत्री
- शहरी विकास मंत्री
- जल संसाधन एवं सिंचाई मंत्री
- मुख्य सचिव (सचिव के रूप में)
सरकार द्वारा नामित सदस्य
- अतिरिक्त मंत्री
- 5 सहवरणीय विशेषज्ञ – क्षेत्र:
- नदी संरक्षण
- जलविज्ञान
- पर्यावरण इंजीनियरिंग
- सामाजिक संगठन
- संबंधित क्षेत्र
प्रमुख कार्य एवं अधिकार
- राष्ट्रीय गंगा नदी बेसिन प्राधिकरण (NGRBA) के दिशा-निर्देशों को राज्य में लागू करना
- प्रदूषण नियंत्रण, जन-जागरूकता, फ्लडप्लेन सुरक्षा, कैचमेंट ट्रीटमेंट, सीवेज प्रबंधन
- वर्षा जल संचयन, पुनर्चक्रण, विकेन्द्रीकृत सीवेज ट्रीटमेंट
- न्यूनतम पारिस्थितिक प्रवाह (Ecological Flow) सुनिश्चित करना
- भूमि अधिग्रहण, अनुबंध, विद्युत आपूर्ति जैसे मुद्दों का समाधान
- कार्यान्वयन एजेंसियों के कार्यक्रमों की निगरानी व समीक्षा
परीक्षा हेतु महत्वपूर्ण तथ्य
- गठन – 20 फरवरी 2009
- मुख्यालय – राँची
झारखंड के प्रमुख जलप्रपात (Waterfalls of Jharkhand)
पठारी क्षेत्र, चट्टानों के अपरदन, एवं नदी प्रवाह से कई सुंदर जलप्रपात बनते हैं।
लेटेहार ज़िला
नाम | ऊँचाई | नदी / स्थान | विशेष जानकारी |
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बुढ़ा घट / लोढ़ जलप्रपात* | 143 मीटर / 469 फीट | बुढ़ा नदी (उ. कोयल सहायक) | झारखंड का सबसे ऊँचा जलप्रपात |
ऊपरी घाघरी | 43 मीटर / 140 फीट | घाघरी नदी | पूर्व नाम – भैंसबोरवा |
निचली घाघरी | 30 मीटर / 100 फीट | – | नेतरहाट |
सुईदरी | 250–300 फीट | – | महुआडांड़, जलाशय बनाती है |
गौतम घट | 36 मीटर / 120 फीट | – | महुआडांड़ प्रखंड |
मिर्चैया | – | – | गड़ू प्रखंड |
कांटी जलप्रपात | – | – | सेन्हा गाँव से 6 किमी दूर |
डाटम-पाटम | – | – | हेरहंज प्रखंड |
गढ़वा ज़िला
नाम | ऊँचाई | नदी / क्षेत्र |
---|---|---|
गुरसिंधु | – | कनहर नदी, चिनिया क्षेत्र |
बलचौरा | – | कनहर नदी, घुघरी |
सुखलदरी* | 30 मीटर / 98 फीट | कनहर नदी |
गंगाझांझ, सातू | – | – |
सतबहिनी | – | सतबहिनी नदी, हुसैनाबाद |
पलामू ज़िला
नाम | ऊँचाई | नदी / क्षेत्र |
---|---|---|
कुंड जलप्रपात | – | – |
राँची ज़िला
नाम | ऊँचाई | नदी / विशेषता |
---|---|---|
हुण्डरु जलप्रपात* | 98 मीटर / 322 फीट | स्वर्णरेखा नदी |
दासम / दा: सोम जलप्रपात* | 44 मीटर / 144 फीट | कांची नदी |
जोनहा / गौतमधारा जलप्रपात* | 43 मीटर / 141 फीट | रारू नदी |
सीता जलप्रपात* | – | – |
तीरू जलप्रपात | – | बनाई नदी |
परीक्षोपयोगी सारांश (Quick Revision Points)
लोढ़ जलप्रपात (बुढ़ा घट) – सबसे ऊँचा जलप्रपात (143 मीटर)
हुण्डरु जलप्रपात – दूसरा सबसे ऊँचा (98 मीटर), स्वर्णरेखा नदी पर
दासम जलप्रपात – कांची नदी पर, नाम Mundari शब्दों से
जोनहा जलप्रपात – गौतम बुद्ध से जुड़ा ऐतिहासिक महत्व
सीता जलप्रपात – हैंगिंग वैली का उदाहरण
Exam Relevance (JPSC, JSSC, CDPO, TGT, SI, etc.)
सभी जलप्रपात जिनके नाम पर चिह्नित ()* है, पूर्व परीक्षाओं में पूछे जा चुके हैं।
प्रमुख जिले: लेटेहार, गढ़वा, पलामू, राँची
प्रमुख नदियाँ: बुढ़ा, कोयल, कनहर, घाघरी, स्वर्णरेखा, कांची, रारू
खूँटी ज़िले के जलप्रपात
- पंचघाघ जलप्रपात – पाँच धाराओं में विभाजित होता है
- पेरेवाघाघ, रानी, पांगुरा, रीमिक्स जलप्रपात
लोहरदगा ज़िले के जलप्रपात
- लावा पानी, घरघरिया, निंदी जलप्रपात
गुमला ज़िले के जलप्रपात
- हेपाड जलप्रपात – पट क्षेत्र की तलहटी में स्थित
- नागफेनी जलप्रपात – घाघरा नदी के उद्गम पर
- सदनी / सदनीघाघ जलप्रपात ⭐ –
- शंख नदी पर,
- 60 मीटर / 200 फीट ऊँचा,
- पाँच धाराओं में विभाजित – पंचगढ़ उपनाम से प्रसिद्ध
- प्रेमाघाघ जलप्रपात – सर्पाकार, रायडीह प्रखंड में स्थित
- मेर्का जलप्रपात – विशुनपुर प्रखंड, सेरका नदी पर स्थित
सिमडेगा ज़िले के जलप्रपात
- केलाघाघ, सुगाकाटा जलप्रपात – शंख नदी पर स्थित
चतरा ज़िले के जलप्रपात
- गोआ जलप्रपात – जलाद गाँव में स्थित
- तमसिर, मलुदाह, डूमर-सूमर, खैवा-बरु, केरीदाह जलप्रपात
हजारीबाग ज़िले के जलप्रपात
- सूरजकुंड जलप्रपात ⭐ – गर्म जलस्रोतों के लिए प्रसिद्ध
- बोकारो जलप्रपात, घाघरा जलप्रपात
रामगढ़ ज़िले के जलप्रपात
- राजरप्पा जलप्रपात ⭐ –
- दामोदर और भैरवी नदी के संगम पर स्थित,
- ऊँचाई: 4 मीटर / 13 फीट
- सदा बहार / निम्मी जलप्रपात ⭐ –
- ऊँचाई: 18 मीटर / 59 फीट
धनबाद ज़िले के जलप्रपात
- मुनीदीह / भटिंडा जलप्रपात ⭐ – मुनीदीह खदान के पास, कतरी नदी के समीप स्थित
बोकारो ज़िले के जलप्रपात
- चंद्रू जलप्रपात – विशनुगढ़–गोमिया मार्ग पर
- वरदपर्वा जलप्रपात – बोकारो नदी पर
- मुचरी नाला जलप्रपात – झारखंड-बंगाल सीमा पर बहने वाली धारा पर
गिरिडीह ज़िले के जलप्रपात
- उसरी जलप्रपात ⭐ –
- उसरी नदी (बराकर की सहायक) पर,
- खंडोली पहाड़ियों में स्थित
देवघर ज़िले के जलप्रपात
- बकुलिया जलप्रपात
पश्चिम सिंहभूम ज़िले के जलप्रपात
- हिरनी जलप्रपात –
- गढ़ा/रामगढ़ा नदी पर,
- ऊँचाई: 37 मीटर
- ठकोरा जलप्रपात – मांझरी प्रखंड, विदरी गाँव
- सुपुंगड जलप्रपात – लुपुंग गाँव में
पूर्वी सिंहभूम ज़िले के जलप्रपात
- धारागिरी जलप्रपात – स्वर्णरेखा नदी पर, घाटशिला के पास
- घाघरा जलप्रपात – ऊँचाई: 9 मीटर / 30 फीट
सरायकेला-खरसावाँ ज़िले के जलप्रपात
- हेसाकोचा एवं दूरदुरी जलप्रपात
साहिबगंज ज़िले के जलप्रपात
- मोतीझर जलप्रपात ⭐ –
- अजय नदी पर, राजमहल पहाड़ियों में स्थित
- ऊँचाई: 46 मीटर / 150 फीट
प्रतियोगी परीक्षाओं (JPSC/JSSC) हेतु मुख्य बिंदु
- सबसे ऊँचा जलप्रपात: लोढ़ जलप्रपात (143 मीटर) – लातेहार
- दूसरा सबसे ऊँचा: हुण्डरू जलप्रपात (98 मीटर) – राँची
- ऐतिहासिक महत्व: जोनहा जलप्रपात – गौतम बुद्ध से संबंधित
- सांस्कृतिक जुड़ाव: दासम (मुंडारी शब्द), सीता जलप्रपात (मंदिर निकट)
- हाइड्रोपावर स्थल: हुण्डरू जलप्रपात (65 मेगावाट संयंत्र)
झारखंड में गर्म जलस्रोत (Hot Springs in Jharkhand)
गर्म जलकुंड वहाँ बनते हैं जहाँ भूमिगत जल-स्तर धरती की सतह से मिलता है और भूतापीय ऊष्मा के कारण पानी गरम होकर सतह पर आता है। ये प्रायः निष्क्रिय ज्वालामुखियों या रेडियोधर्मी खनिजों से युक्त क्षेत्रों में पाए जाते हैं।
मुख्य विशेषताएँ
- इनमें खनिज लवण, सल्फर, और अन्य तत्व पाए जाते हैं।
- इनका पानी गठिया, एनीमिया, त्वचा रोगों में औषधीय गुण रखता है।
- ये मुख्यतः हजारीबाग, दुमका, धनबाद, पाकुड़ आदि में स्थित हैं।
झारखंड के प्रमुख गर्म जलस्रोतों की सूची:
क्र. | जलस्रोत | जिला | विशेषता |
---|---|---|---|
1 | सूरजकुंड ⭐ | हजारीबाग | भारत का सबसे गर्म जलस्रोत (88°C/190°F)। पाँच कुंड – सूपकुंड, रामकुंड, लक्ष्मणकुंड, सीताकुंड, टाइगर फॉल |
2 | टाइगर फॉल | हजारीबाग | बराकर नदी पर स्थित |
3 | हरहद | हजारीबाग | – |
4 | कावा | हजारीबाग | – |
5 | हरहद (फिर सूचीबद्ध) | हजारीबाग | – |
6 | रानी बहाल | दुमका | मयूराक्षी नदी पर |
7 | झुमका / भूमका | दुमका | रानी बहाल के पास, मयूर / मयूराक्षी नदी पर |
8 | तपतापानी | दुमका | – |
9 | झरियापानी | दुमका | – |
10 | टाटलोई | दुमका | – |
11 | बराझरना | दुमका | – |
12 | नबील | दुमका | – |
13 | सुसुमपानी | दुमका | – |
14 | टेटुलिया | धनबाद | कुमराबाद में मयूर नदी पर |
15 | चरकखुर्द | धनबाद | दामोदर नदी के पास |
16 | टाटापानी | लातेहार | बारवाडीह प्रखंड में स्थित |
17 | दुआ | चतरा | – |
18 | शिवपुर सोता | पाकुड़ | शिवपुर गाँव, महेशपुर प्रखंड |
19 | बरमसिया | पाकुड़ | – |
20 | लाडलौदाह | पाकुड़ | महेशपुर प्रखंड में |
21 | चटकम | पाकुड़ | बोरू नदी पर, लिट्टीपाड़ा प्रखंड |
नोट: ⭐ चिह्नित तथ्य परीक्षा में पूछे गए हैं।
झारखंड की प्रमुख झीलें एवं जलाशय
झारखंड की झीलें एवं जलाशय जल स्रोत के साथ-साथ पर्यटन केंद्र भी हैं। कुछ ऐतिहासिक महत्व रखते हैं और कई मानव निर्मित हैं।
प्रमुख झीलों एवं जलाशयों की सूची:
क्र. | नाम | स्थान | विशेषता |
---|---|---|---|
1 | स्वामी विवेकानंद सरोवर ⭐ | राँची | राँची के मध्य में स्थित, चारों ओर सड़क। मध्य में 33 फीट की विवेकानंद प्रतिमा (अनिल कुमार सुतार द्वारा निर्मित)। |
2 | कांके डैम | राँची | – |
3 | धुर्वा डैम | राँची | – |
4 | डिमना झील | जमशेदपुर | दलमा वन्यजीव अभयारण्य के निकट |
5 | जयन्ती सरोवर | जमशेदपुर | जमशेदपुर के केंद्र में |
6 | हुडको झील | जमशेदपुर | – |
7 | डोबो झील | जमशेदपुर | टेल्को कॉलोनी में |
8 | हजारीबाग झील | हजारीबाग | 1831 में ब्रिटिश शासन द्वारा निर्मित |
9 | टोपचांची झील ⭐ | धनबाद | 214 एकड़ क्षेत्र में फैली |
10 | गर्गा डैम | बोकारो | बोकारो शहर से 12 किमी दूर |
11 | बसंतराय तालाब ⭐ | गोड्डा | पथरगामा में, 50 एकड़ में फैला, चैता संक्रांति पर मेला |
12 | फांसीहारी तालाब ⭐ | चतरा | 4 अक्टूबर 1857 को मंगल पांडे और नादिर अली खान को यहाँ फाँसी दी गई थी |
13 | पलना झील | खरसावाँ | – |
14 | बुरुडीह झील | घाटशिला | – |
15 | मुलर टैंक ⭐ | गोड्डा | फ्रेडरिक मैक्स मुलर द्वारा निर्मित |
नोट: ⭐ चिह्नित तथ्य परीक्षाओं में बार-बार पूछे गए हैं।
परीक्षा-संबंधी संक्षिप्त सार (JPSC/JSSC/SSC आदि):
- सूरजकुंड (हजारीबाग) – भारत का सबसे गर्म जलस्रोत (88°C)
- स्वामी विवेकानंद झील (राँची) – प्रमुख पर्यटन एवं धार्मिक स्थल
- टाटापानी (लातेहार), टाटलोई (दुमका) – गर्म जल के लिए प्रसिद्ध
- टोपचांची झील, बसंतराय तालाब, फांसीहारी तालाब – ऐतिहासिक-सांस्कृतिक महत्व
- अधिकांश गर्म जलकुंड – छोटानागपुर पठार क्षेत्र में स्थित
यह विषय क्यों महत्वपूर्ण है?
- JPSC, JSSC, SSC CGL, रेलवे आदि में अक्सर पूछा जाता है
- भूगोल, पर्यावरण एवं झारखंड सामान्य ज्ञान खंड में उपयोगी
- तथ्य आधारित एवं स्थिर विषय होने से अंक प्राप्ति में सहायक
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