झारखंड के महान स्वतंत्रता सेनानी: शौर्य, संघर्ष और बलिदान की गाथा
झारखंड की धरती वीरता और बलिदान की अमर गाथाओं से समृद्ध रही है। यहाँ के अनेक सेनानियों ने ब्रिटिश हुकूमत के खिलाफ संघर्ष कर स्वतंत्रता संग्राम में अहम भूमिका निभाई। आइए, जानें झारखंड के उन महान सपूतों के बारे में जिन्होंने अपनी जान की परवाह किए बिना देश के लिए जीवन अर्पित कर दिया:
प्रमुख स्वतंत्रता सेनानी और उनके योगदान
कान्हू और सिद्धू मुर्मू
- जन्मस्थान: भोगनाडीह (बरहेट), साहेबगंज
- योगदान: 1855 में संताल विद्रोह का नेतृत्व अंग्रेजों और जमींदारों के खिलाफ
- बलिदान: सिद्धू को धोखे से और कान्हू को संघर्ष के दौरान गिरफ्तार कर बरहरवा में फाँसी दी गई
कोन्ता मुंडा
- विद्रोह: तमाड़ विद्रोह के प्रमुख नेता (1789 से 18वीं शताब्दी के अंत तक)
- विरोध: स्थानीय जमींदारों के अत्याचारों के खिलाफ नेतृत्व
गंगा नारायण सिंह
- पृष्ठभूमि: बराभूम के जमींदार परिवार से
- आंदोलन: 1833–34 में भूमिज विद्रोह का नेतृत्व (मानभूम क्षेत्र)
- विशेष नाम: “गंगा नारायण का हंगामा”
तिलका मांझी
- जन्म: 1750, तिलकपुर ग्राम
- विद्रोह: भागलपुर के निकट बन्छारीजोर में शुरू किया
- उपलब्धि: 13 जनवरी 1784 को कलेक्टर क्लीवलैंड को तीर से घायल किया
- बलिदान: अंग्रेजों द्वारा गिरफ्तार कर फाँसी दी गई
बुद्ध भगत
- जन्म: 17 फरवरी 1792, सिलागाई ग्राम (चान्हो प्रखंड, राँची)
- भूमिका: अंग्रेजों के खिलाफ जनसंगठन तैयार कर युद्ध किया
- बलिदान: 14 फरवरी 1832 को युद्ध में वीरगति
जयमंगल पांडे
- मूल स्थान: खिरगाँव (चम्पा परगना, भागलपुर)
- योगदान: डोरंडा में सिपाही विद्रोह का नेतृत्व किया
- बलिदान: पकड़े जाने के बाद फाँसी दी गई
नादिर अली खान
- मूलतः गया निवासी, परंतु डोरंडा बटालियन में सुबेदार
- गतिविधि: कुंवर सिंह से मिलने चतरा की ओर जा रहे थे
- बलिदान: चतरा में लड़ाई के दौरान पकड़े गए और फाँसी दी गई
विश्वनाथ शाहदेव
- जन्म: सतरंजी ग्राम, हटिया (राँची)
- विद्रोह: 1857 की क्रांति में कुंवर सिंह के साथ
- बलिदान: 30 मार्च को राँची जिला स्कूल परिसर में फाँसी
गया मुंडा
- भूमिका: बिरसा मुंडा के सेनापति, सरदारी लड़ाई में सक्रिय
- बलिदान: 6 जनवरी 1900 को एटकेडीह से गिरफ्तार कर फाँसी दी गई
अर्जुन सिंह
- पद: पोरहाट के राजा
- भूमिका: 1857 में विद्रोही सैनिकों को शरण दी
- संघर्ष: 1859 तक अंग्रेजों से युद्ध; अंततः आत्मसमर्पण
गणपत राय
- जन्म: 17 जनवरी 1809, मौरो गाँव (लोहरदगा)
- सहयोग: ठाकुर विश्वनाथ शाहदेव के साथ 1857 विद्रोह में भागीदारी
- बलिदान: धोखे से पकड़े गए; राँची जिला स्कूल में फाँसी
शेख भिखारी
- जन्म: खुदिया ग्राम, ओरमांझी (अब रूक्का जलाशय के भीतर)
- पृष्ठभूमि: 12 ग्रामों के जमींदार पुत्र
- भूमिका: टिकैत उमराव सिंह के साथ मिलकर चुटुपालू घाटी में अंग्रेजों को रोका
नीलाम्बर और पीताम्बर
- स्थान: चेमु सनिया ग्राम, गढ़वा
- संगठन: पलामू में भोगता खेरवार संगठन खड़ा कर विद्रोह
- बलिदान: कर्नल डाल्टन द्वारा गिरफ्तार कर दिए गए
जतरा भगत
- जन्म: चिंगरी ग्राम, गुमला
- आंदोलन: टाना भगत आंदोलन का नेतृत्व (कर विरोध आंदोलन)
- सजा: 1916 में गिरफ्तार होकर 1.5 वर्ष की सजा; 28 वर्ष की आयु में निधन
बिरसा मुंडा
- जन्म: 15 नवम्बर 1875, उलीहातू गाँव (खूंटी)
- आंदोलन: बुंडू और तमाड़ क्षेत्र में अंग्रेजों के खिलाफ उलगुलान (जनजातीय आंदोलन)
- बलिदान: 3 फरवरी 1900 को गिरफ्तार; जून 1900 में राँची जेल में रहस्यमयी मृत्यु
टिकैत उमराव सिंह
- जन्म: खटंगा ग्राम, ओरमांझी (राँची)
- भूमिका: शेख भिखारी व टिकैत घासी सिंह के साथ मिलकर विद्रोह
- बलिदान: 6 जनवरी 1858 को गिरफ्तार किए गए
जे. बार्थोलमैन
- योगदान: मिशनरियों के साथ मिलकर 1910 में ढाका स्टूडेंट यूनियन की स्थापना
- उद्देश्य: धार्मिक और सांस्कृतिक जागरूकता फैलाना, छात्रों के लिए सेमिनार, नाटक आदि का आयोजन
प्रमुख नेता और संगठन
जोएल लकड़ा
- आनन्द मसी टोप्पो व बंदी उराँव के साथ छोटानागपुर उन्नति समाज का नेतृत्व किया।
- इस संगठन ने समाज सुधार पर कार्य किया।
- आदिवासियों को उनके स्वर्णिम अतीत की याद दिलाई।
- झारखंड आंदोलन में इस संगठन का विशेष योगदान रहा।
थेबले उराँव
- पॉल दयाल के साथ छोटानागपुर उन्नति समाज में काम किया।
- 1931 में अलग होकर किसान सभा की स्थापना की।
- यह संगठन अधिक कट्टरपंथी और संघर्षात्मक था।
- किसानों को संगठित किया।
- छोटानागपुर उन्नति समाज से अलग विचारधारा – यह ज्ञापन और आवेदन में विश्वास करता था।
बेनीफेस लकड़ा
- इग्नेश बेक के साथ मिलकर छोटानागपुर कैथोलिक सभा की स्थापना की।
- इस संगठन को छोटानागपुर के आर्च बिशप का समर्थन मिला।
- उद्देश्य: सामाजिक, धार्मिक और राजनीतिक जागरूकता फैलाना।
खेल से राजनीति तक – जयपाल सिंह
- जन्म: 3 जनवरी 1903, मुंडा परिवार
- 1928 में एम्सटरडम ओलंपिक में भारतीय हॉकी टीम के कप्तान
- ऑक्सफोर्ड यूनिवर्सिटी हॉकी टीम के सदस्य
- 1939 में आदिवासी महासभा से जुड़े और अध्यक्ष बने
- स्वतंत्रता के बाद संगठन का नाम झारखंड पार्टी रखा गया
- झारखंड के गठन के लिए संघर्ष किया
- उपनाम: मरांग गोमके (महान नेता)
- निधन: 20 मार्च 1970, दिल्ली
राजनीतिक मेल और विभाजन
बिनोद नंदन झा
- तत्कालीन बिहार के मुख्यमंत्री
- 1963 में झारखंड पार्टी और कांग्रेस के बीच समझौता कराया
- झारखंड के राजनीतिक परिदृश्य को बदलने वाला फैसला
एन.ई. होरो
- जयपाल सिंह के सहयोगी
- कांग्रेस में झारखंड पार्टी के विलय का विरोध किया
- विशेषतः ईसाई वर्ग ने इस विलय का विरोध किया
सैन्य गौरव
अल्बर्ट एक्का
- भारतीय सेना में लांस नायक
- 1971 की भारत-पाक युद्ध में शौर्य प्रदर्शन
- मरणोपरांत परमवीर चक्र से सम्मानित
- झारखंड के वीर सैनिकों का प्रतीक
शैक्षणिक और सांस्कृतिक उत्थान
फादर हॉफमैन
- जर्मन ईसाई
- ‘इन्साइक्लोपीडिया मुंडारिका’ और ‘मुंडारी ग्रामर’ की रचना
- सूदखोरों से आदिवासियों को मुक्त कराने हेतु सहकारी उधार समिति की स्थापना
राजनीतिक संगठन और अलग राज्य की मांग
ललित कुजुर
- 1967 में बिरसा सेवा दल की स्थापना
- उद्देश्य: अलग छोटानागपुर राज्य की मांग
- सचिव: मोसेज गुड़िया
- संगठन पर ईसाई प्रभाव स्पष्ट
शिक्षा और भाषा के संवाहक
राम दयाल मुंडा
- शिक्षाविद, राजनीतिज्ञ, भाषाविद
- रांची विश्वविद्यालय में जनजातीय और प्रादेशिक भाषा विभाग की स्थापना
- 1991 में झारखंड पार्टी की पुनः स्थापना
- 2010 में पद्मश्री से सम्मानित
- ‘आदि धर्म’ पुस्तक के रचयिता
- रांची विश्वविद्यालय के कुलपति रहे
आर्थिक विकास और भूमि अधिकार
विनोद बिहारी महतो
- धनबाद-हजारीबाग क्षेत्र के कुर्मी नेता
- शिवाजी समाज की स्थापना
- औद्योगिकीकरण और भूमि अधिग्रहण का विरोध किया
- क्षेत्र के पिछड़ेपन को उजागर किया
- इनके नाम पर धनबाद में एक विश्वविद्यालय स्थापित किया गया
राजनीतिक संघर्ष और मुख्यमंत्री बनने की यात्रा
शिबू सोरेन
- जन्म: 11 जनवरी 1944, नेमरा ग्राम, रामगढ़
- 1969 में सोनत संथाल समाज की स्थापना – समाज सुधार के लिए
- झारखंड मुक्ति मोर्चा की स्थापना विनोद बिहारी महतो के साथ
- 2005, 2008, 2009 – तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री
- 2006 – यूपीए सरकार में कैबिनेट मंत्री, बाद में त्यागपत्र
बाबूलाल मरांडी
- जन्म: 11 जनवरी 1958, गिरिडीह जिला
- 1991 व 1996 में लोकसभा चुनाव हारे
- 1998 में शिबू सोरेन को हराकर दुमका से सांसद बने
- नवम्बर 2000 में झारखंड के प्रथम मुख्यमंत्री
- 2006 में भाजपा छोड़ झारखंड विकास मोर्चा की स्थापना
- दुमका को उपराजधानी घोषित किया
अर्जुन मुंडा
- जन्म: 3 मई 1968, खरंगाझार, जमशेदपुर
- शिक्षा: रांची विश्वविद्यालय व IGNOU
- 1980 के दशक में झामुमो में शामिल, 1995 में विधायक
- 2000 में भाजपा से विधायक, 2003, 2010, 2011 में मुख्यमंत्री
- 2014 में पहली बार चुनाव में हार, वर्तमान में केंद्रीय मंत्री
संथाली भाषा का गौरव
पंडित रघुनाथ मुर्मु
- संथाली भाषा के विद्वान
- 1941 में ओलचिकी लिपि की रचना
- कई पुस्तकों की रचना की
- ‘पंडित’ की उपाधि मिली
स्वतंत्र उम्मीदवार से मुख्यमंत्री तक
मधु कोड़ा
- जन्म: पश्चिम सिंहभूम, ग्राम गुआ
- शुरुआत: आजसू दल से राजनीति
- 2000 में विधायक बने
- 2005 में निर्दलीय चुनाव जीतकर 2006–2008 तक मुख्यमंत्री
- 23 अगस्त 2008 को त्यागपत्र
युवा नेतृत्व
हेमंत सोरेन
- जन्म: 10 अगस्त 1975, नेमरा (रामगढ़)
- 2009–2010: राज्यसभा सदस्य
- अर्जुन मुंडा सरकार में उप मुख्यमंत्री
- 15 जुलाई 2013: कांग्रेस और राजद के समर्थन से मुख्यमंत्री बने
- झारखंड के सबसे कम उम्र के मुख्यमंत्री
- 2019 में पुनः मुख्यमंत्री बने
सूरज मंडल
- 1995 में झारखंड क्षेत्र स्वशासी परिषद के उपाध्यक्ष
- झामुमो के प्रमुख नेता रहे
- 6 दिसम्बर 1999 को पार्टी से निष्कासित
राजनीतिक एवं सामाजिक आंदोलन के प्रमुख नेता
स्वतंत्रता सेनानी एवं समाज सुधारक
- मोतीलाल केजरीवाल – दुमका के स्वतंत्रता सेनानी जिन्होंने संताल परगना में आंदोलन संगठित किया। 1942 में गिरफ्तार किए गए।
- रामजीवन हिम्मतसिंगका – मोतीलाल केजरीवाल के सहयोगी, स्वतंत्रता आंदोलन को मजबूती दी।
- राम नारायण सिंह – चतरा निवासी स्वतंत्रता सेनानी, असहयोग आंदोलन में भाग लिया।
राजनीतिक हस्तियाँ और झारखंड आंदोलन के प्रणेता
- जयपाल सिंह “मरांग गोमके” – आदिवासी महासभा (1939) और झारखंड पार्टी के संस्थापक, भारतीय हॉकी टीम के कप्तान (1928)।
- शिबू सोरेन – झारखंड मुक्ति मोर्चा (JMM) के संस्थापक, तीन बार झारखंड के मुख्यमंत्री।
- हेमंत सोरेन – वर्तमान मुख्यमंत्री (2013, 2019), शिबू सोरेन के पुत्र।
- बाबूलाल मरांडी – झारखंड के पहले मुख्यमंत्री (2000), बाद में JVM की स्थापना की।
- अर्जुन मुंडा – तीन बार मुख्यमंत्री, वर्तमान में केंद्रीय मंत्री।
- मधु कोड़ा – स्वतंत्र विधायक के रूप में मुख्यमंत्री (2006-08) बने।
- सूरज मंडल – JMM के महासचिव, बाद में झारखंड विकास दल की स्थापना की।
- राम दयाल मुंडा – शिक्षाविद, JMM नेता, पद्मश्री सम्मानित।
- एन. ई. होरो – कांग्रेस में झारखंड पार्टी के विलय का विरोध किया।
- ललित कुजुर – बिरसा सेवा दल के संस्थापक (1967)।
- विनोद बिहारी महतो – कुर्मी नेता, ‘शिवाजी समाज’ की स्थापना की।
अन्य प्रमुख योगदानकर्ता
- फादर हॉफमैन – ‘इन्साइक्लोपीडिया मुंडारिका’ और ‘मुंडारी ग्रामर’ के लेखक।
- पंडित रघुनाथ मुर्मू – ‘ओलचिकी लिपि’ के जनक (1941), संथाली भाषा को लिपिबद्ध किया।
- ए. के. राय – मार्क्सवादी नेता, सांसद, विधायक, JMM में शामिल।
- सूरज सिंह बेसरा – ऑल झारखंड स्टूडेंट यूनियन (1986) के संस्थापक।
- जोएल लकड़ा, आनंद मसी टोप्पो, बंदी उरांव – ‘छोटानागपुर उन्नति समाज’ के नेता।
- थेबल उरांव – 1931 में ‘किसान सभा’ की स्थापना।
- बेनीफेस लकड़ा – ‘छोटानागपुर कैथोलिक सभा’ के सह-संस्थापक।
वीरता और सेवा
- अल्बर्ट एक्का – 1971 युद्ध के परमवीर चक्र विजेता।
- राजा नीलमणि सिंह – पोरहाट के राजा, 1857 के विद्रोह में भाग लिया।
- रानी सर्वेश्वरी – 1781-82 में ‘दामिन-ए-कोह’ के विरोध में अंग्रेजों के खिलाफ विद्रोह।
कला, चित्रकला और मूर्तिकला
चित्रकला
- हरेन ठाकुर – शांतिनिकेतन कला भवन से शिक्षित, प्रकृति-मानव के सामंजस्य पर आधारित चित्र बनाए।
- शिवलाल महतो – जमशेदपुर के चित्रकार, कई प्रदर्शनियों में भाग लिया।
- विनोद रंजन – रांची निवासी, शांतिनिकेतन से शिक्षित, राष्ट्रीय प्रदर्शनियों में चित्रकला प्रदर्शित की।
बांसुरी वादन
- चेतन जोशी – झरिया में जन्मे बांसुरी वादक, कई गुरुजनों से प्रशिक्षण प्राप्त किया, राजकीय सांस्कृतिक सम्मान से सम्मानित।
मूर्तिकला एवं मुखौटा निर्माण
- सुशांत कुमार महापात्र – छऊ नृत्य में उपयोग होने वाले मुखौटों के विशेषज्ञ।
नृत्य कला – विशेष रूप से छऊ नृत्य
छऊ नृत्य के प्रमुख कलाकार
- गुरु केदार नाथ साहू – सरायकेला शैली के छऊ कलाकार, ‘पद्म श्री’ (2005)।
- शराभर आचार्य – सरायकेला घराने के छऊ नर्तक, ‘पद्म श्री’ (2020)।
- मंगला प्रसाद मोहंती – प्रसिद्ध छऊ कलाकार, ‘पद्म श्री’ (2008)।
- मकर ध्वज दारोगा – छऊ नर्तक, ‘पद्म श्री’ (2011), 2014 में निधन।
- गोपाल प्रसाद दूबे – त्रिनेत्र संस्था के संस्थापक, ‘पद्म श्री’ (2012), नाटक: “अन्तगोन” (1984), “शकुन्तलम” (1987)।
- गुरु बन बिहारी पटनायक – सरायकेला राजकीय छऊ नृत्य केंद्र के निदेशक।
- श्यामा चरण पति – छऊ, कथक, भारतनाट्यम में दक्ष, ‘पद्म श्री’ (2006)।
अन्य प्रमुख नृत्य कलाकार
- मुकुंद नायक – नागपुरी लोकनृत्य कलाकार, ‘पद्म श्री’ (2016)।
- सविता मिश्रा – ओडिसी नृत्यांगना, ‘नृत्य भूषण’ पुरस्कार से सम्मानित।
- मंजु मलकानी – कथक नृत्यांगना, बनारस और लखनऊ घराने से जुड़ी, ‘धरिजी कला केंद्र’ की प्रमुख।
संगीत
- नेहा पांडे – दृष्टिहीन गायिका, इंडियन ऑयल में उत्कृष्ट प्रदर्शन किया, जमशेदपुर की छात्रा।
राजनीति एवं स्वतंत्रता संग्राम से जुड़ी विभूतियाँ
- ए.के. राय:
- मार्क्सवादी को-ऑपरेटिव कमिटी के संस्थापक।
- झामुमो में विलय हुआ।
- सांसद और विधायक दोनों रह चुके हैं।
- सूरज सिंह बेसरा:
- ऑल झारखंड स्टूडेंट यूनियन (AJSU) के संस्थापक।
- जेएमएम के केंद्रीय समिति के सदस्य।
- मोतीलाल केजरीवाल:
- स्वतंत्रता सेनानी।
- संथाल परगना क्षेत्र में आंदोलन संगठित किया।
- 1942 में अंग्रेजों द्वारा गिरफ़्तार।
- रामजीवन हिम्मतसिंगका:
- मोतीलाल केजरीवाल के सहयोगी।
- स्वतंत्रता आंदोलन में सक्रिय भूमिका निभाई।
- राम नारायण सिंह:
- चतरा निवासी।
- असहयोग आंदोलन में भागीदारी।
- सुखलाल सिंह के साथ कांग्रेस के पहले सदस्य।
- डा. कामिल बुल्के:
- हिन्दी के विद्वान।
- “रामकथा – उत्पत्ति एवं विकास” पर पीएचडी।
- राधाकृष्ण पुरस्कार विजेता।
- रानी सर्वेश्वरी:
- सुल्तानाबाद (महेशपुर) की रानी।
- अंग्रेजों के दामिन-ए-कोह नीति के विरोध में बगावत।
- मेनका सरदार:
- भाजपा विधायक।
- 2018 में ‘उत्कृष्ट विधायक’ का सम्मान मिला।
- राजा नीलमणि सिंह:
- पोरहाट के राजा।
- 1857 के विद्रोह में भागीदारी।
- अलीपुर जेल भेजे गए।
कला, चित्रकला, मूर्तिकला एवं नृत्य क्षेत्र
- चेतन जोशी:
- प्रसिद्ध बाँसुरी वादक।
- राजकीय सांस्कृतिक सम्मान व संगीत नाटक अकादमी पुरस्कार विजेता।
- हरेन ठाकुर:
- शांतिनिकेतन कला भवन से चित्रकला में शिक्षा।
- मूर्तिकला में भी विशेष योगदान।
- शिवलाल महतो:
- चित्रकार एवं शिक्षक।
- कई प्रदर्शनियों में भाग लिया।
- विनोद रंजन:
- शांतिनिकेतन से चित्रकला सीखी।
- राष्ट्रीय प्रदर्शनों में भागीदारी।
- सुशांत कुमार महापात्रा:
- छऊ नृत्य के मुखौटों के विशेषज्ञ।
- सम्मानित।
- गुरु बन बिहारी पटनायक:
- सरायकेला के छऊ नृत्य केंद्र के पूर्व निदेशक।
- गुरु केदार नाथ साहू:
- सरायकेला शैली के छऊ कलाकार।
- 2005 में पद्मश्री।
- श्यामा चरण पति:
- लोकनृत्य, कत्थक व भारतनाट्यम में निपुण।
- 2006 में पद्मश्री।
- शराभर आचार्य:
- छऊ नर्तक।
- 2020 में पद्मश्री।
- गोपाल प्रसाद दूबे:
- छऊ नृत्य शिक्षक।
- त्रिनेत्र संस्था के संस्थापक।
- 2012 में पद्मश्री।
- मंगला प्रसाद मोहन्थी:
- छऊ नृत्य में योगदान के लिए 2008 में पद्मश्री।
- मकर ध्वज दारोगा:
- 2011 में पद्मश्री।
- 2014 में निधन।
- मुकुन्द नायक:
- नागपुरी नृत्य कलाकार।
- 2016 में पद्मश्री।
- सविता मिश्रा:
- ओडिसी नृत्यांगना।
- ‘नृत्य भूषण’ पुरस्कार प्राप्त।
- मंजु मलकानी:
- कथक नृत्यांगना।
- धरिजी कला केन्द्र की प्रमुख।
- वर्षा अखौरी:
- भरतनाट्यम एवं कुछीपुड़ी नृत्यांगना।
- बोकारो निवासी।
- वीणापाणि महतो:
- संगीत कलाकार।
- झूमर गीत गाती हैं।
- मधुसूदन गांगुली:
- बहुभाषी गायिका।
- टीवी व रेडियो कलाकार।
- जयश्री इंदीवर:
- सोहराई चित्रकला विशेषज्ञ।
- “स्तम्भ” संस्था की अध्यक्ष।
- प्रवीण कर्मकार:
- “झूमर चित्रकला” विशेषज्ञ।
- अंतरराष्ट्रीय पुरस्कार विजेता।
- साबिर हुसैन:
- ‘ब्रह्मास्त्र’ पर चित्रकला बनाई।
- सेना द्वारा सम्मानित।
- पं. मोर मुकुट केडिया:
- सितारवादक।
- दूरदर्शन कलाकार।
- पं. मनोज केडिया:
- सरोद वादक।
- A.I.R. के ‘A’ श्रेणी कलाकार।
- सबिता राय:
- शास्त्रीय गायिका।
- कई प्रशंसा प्रमाणपत्र प्राप्त।
- सुरजीत चटर्जी:
- तबलावादक।
- संगीत विशारद आदि उपाधियाँ।
- नंद लाल नायक:
- लोक संगीत कलाकार।
- अंतरराष्ट्रीय प्रदर्शन।
- गार्गी मलकानी:
- कथक एवं ओडिसी नृत्यांगना।
- श्रीलंका और कुवैत में प्रदर्शन।
- शिव शंकर महली:
- पाइका और छऊ के नर्तक।
- ‘मालूटी झाँकी’ में योगदान।
- संदीप दास:
- तबलावादक।
- 2017 में ग्रैमी पुरस्कार विजेता।
- आनंद मोहन पाठक:
- ग़ज़ल और शास्त्रीय गायक।
- राँची दूरदर्शन कलाकार।
- पायल देव:
- बॉलीवुड गायिका-संगीतकार।
- ‘बारिशों’ गीत में उदित नारायण के साथ।
- मियांग चियांग:
- ‘सुल्तान’ फिल्म में गायक।
समाजसेवी विभूतियाँ
- सिमोन उराँव:
- “जल पुरुष” के नाम से प्रसिद्ध।
- जल संरक्षण और वृक्षारोपण के लिए पद्मश्री (2016)।
- अशोक भगत:
- “विकास भारती” संस्था के संचालक।
- पद्मश्री (2015)।
- बलबीर दत्त:
- वरिष्ठ पत्रकार।
- “राँची एक्सप्रेस” के संपादक।
- कई पुस्तकें लिखीं।
- 2016 में पद्मश्री।
खेल क्षेत्र की विभूतियाँ
- माइकल किंडो:
- हॉकी खिलाड़ी।
- 1972 ओलंपिक और 1975 वर्ल्ड कप विजेता टीम के सदस्य।
- अर्जुन पुरस्कार प्राप्त।
- महेंद्र सिंह धोनी:
- क्रिकेट के तीनों प्रारूपों के पूर्व कप्तान।
- 2007 T20, 2011 वर्ल्ड कप, और 2013 चैंपियंस ट्रॉफी विजेता कप्तान।
- राजीव गांधी खेल रत्न (2007)।
- पद्म श्री (2009)।
- दो बार ICC प्लेयर ऑफ द ईयर।
खेल क्षेत्र
- प्रेमलता अग्रवाल:
- झारखंड की महिला पर्वतारोही।
- सात पर्वत शिखरों पर चढ़ने में सफलता पाई।
- 2011 में माउंट एवरेस्ट पर चढ़ाई की।
- 2013 में पद्म श्री पुरस्कार प्राप्त।
- दीपिका कुमारी:
- झारखंड की प्रमुख तीरंदाज।
- 2010 के कॉमनवेल्थ गेम्स में पदक जीता।
- 2016 में पद्म श्री पुरस्कार प्राप्त।
- टाटा तीरंदाजी अकादमी से तीरंदाजी की कला सीखी।
- सिलवानुस डुंगडुग:
- झारखंड के हाकी खिलाड़ी।
- 2016 में “ध्यान चंद्र पुरस्कार” प्राप्त।
- पुरस्कार में ₹5 लाख और प्रशस्ति पत्र दिए गए थे।
- सचिन्द्र कुमार राणा:
- झारखंड के नए बैडमिंटन कोच।
- गोपीचंद द्वारा चयनित।
- झारखंड बैडमिंटन के बैनर तले खिलाड़ियों को प्रशिक्षण देने की योजना।
- निक्की प्रधान:
- झारखंड की हॉकी खिलाड़ी।
- रियो ओलम्पिक 2016 में भारत का प्रतिनिधित्व किया।
- 2022 में कॉमनवेल्थ गेम्स में कांस्य पदक जीता।
- सुमराई टेटे:
- भारतीय महिला हॉकी टीम की सदस्य।
- 2002 के कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड जीतने वाली टीम का हिस्सा।
- कान्ति वा:
- सिमडेगा की हॉकी खिलाड़ी।
- 2002 के कॉमनवेल्थ गेम्स में गोल्ड जीतने वाली टीम की सदस्य।
- मासिरा सुरीन:
- झारखंड की हॉकी खिलाड़ी।
- 2002 के कॉमनवेल्थ गेम्स में भारतीय टीम का प्रतिनिधित्व किया।
- इग्नेश तिर्की से विवाह।
- असुन्ता लकड़ा:
- भारतीय महिला हॉकी टीम की कप्तान।
- वीरेन्द्र लकड़ा की बहन।
- पिता और भाई दोनों भी हॉकी खिलाड़ी।
- मुकेश कंचन:
- झारखंड के दिव्यांग क्रिकेटर।
- भारतीय दिव्यांग एकादश टीम के सदस्य रहे।
- पुष्पा प्रधान:
- खूंटी की महिला हॉकी खिलाड़ी।
- 2004 के महिला एशिया कप में स्वर्ण पदक जीता।
- वरुण एरोन:
- झारखंड के क्रिकेट गेंदबाज।
- 2011 में भारत का एक दिवसीय मैच में प्रतिनिधित्व किया।
- 2013 के आईसीसी क्रिकेट चैंपियनशिप में भारत का प्रतिनिधित्व किया।
- अरुणा मिश्रा:
- झारखंड की प्रसिद्ध महिला मुक्केबाज।
- 2003 एशियन चैंपियनशिप में भारत को स्वर्ण पदक दिलाया।
- किशन:
- झारखंड के युवा विकेटकीपर बल्लेबाज।
- 2021 में इंग्लैंड के खिलाफ पहला टेस्ट मैच खेला।
- 2016 के अंडर-19 विश्व कप क्रिकेट टूर्नामेंट में भारत के कप्तान।
- दिसंबर 2022 में बांग्लादेश के खिलाफ दोहरा शतक बनाया।
अन्य क्षेत्र
- शिवशंकर बेसरा:
- बोकारो के निवासी, इसरो वैज्ञानिक।
- चंद्रयान अभियान में महत्वपूर्ण योगदान।