झारखंड आर्थिक सर्वेक्षण 2022-23: एक विस्तृत विश्लेषण

मष्टि आर्थिक परिदृश्य

स्थिर मूल्य पर सकल मूल्य वर्धन (GVA) की क्षेत्रवार वृद्धि

क्षेत्र/उप-क्षेत्र2019–202020–212021–22
कृषि, वानिकी एवं मत्स्य6.8%14.0%
खनन और उत्खनन-18.2%-0.6%
प्राथमिक क्षेत्र (1+2)-3.8%8.8%
निर्माण0.3%5.2%
विद्युत, गैस, जल आपूर्ति आदि-6.4%12.2%
निर्माण-8.0%10.9%
द्वितीयक क्षेत्र (3+4+5)-2.3%7.0%
व्यापार, मरम्मत, होटल, रेस्तरां-19.7%12.3%
परिवहन, संचार, भंडारण-17.3%4.6%
वित्तीय सेवाएँ5.5%6.0%
रियल एस्टेट, पेशेवर सेवाएँ-3.1%6.8%
सार्वजनिक प्रशासन1.9%3.4%
अन्य सेवाएँ8.6%0.1%
तृतीयक क्षेत्र (6 से 11)7.6%-5.6%

2. GSVA, GSDP और प्रति व्यक्ति आय (₹ करोड़ में)

स्थिर और वर्तमान मूल्य पर

वर्षGSVA (स्थिर)GSVA (वर्तमान)GSDP (स्थिर)GSDP (वर्तमान)प्रति व्यक्ति आय (स्थिर)प्रति व्यक्ति आय (वर्तमान)
2011–12139130139130150918150918₹41,254₹41,254
2018–19206619278824229274305695₹56,133₹75,421
2019–20205900283196231755310305₹55,658₹75,016
2020–21 (अनुमानित)197297275019218962300716₹51,365₹71,071
2021–22 (अनंतिम)212308315164236816343178₹55,126₹78,660
2022–23 (अनंतिम)230391349932255372381125₹58,819₹86,060

महत्वपूर्ण विश्लेषण:

  • CAGR (2011–12 से 2018–19): GSVA: 6.2%, GSDP: 6.2%, PCI: 7.9%
  • 2020–21 से 2021–22 के बीच वृद्धि: GSDP (स्थिर मूल्य पर): 8.2%, GSVA: 7.6%
  • 2023–24 का अनुमानित GSDP (स्थिर मूल्य): ₹2,74,154 करोड़
  • अनुमानित वृद्धि दर: 1.4%

3. GSVA में क्षेत्रीय योगदान (2021–22)

क्षेत्र2020–21 की वृद्धि2021–22 की वृद्धिGSVA में भागीदारी
कृषि और संबद्ध क्षेत्र6.8%14.0%14.7%
खनन और उत्खनन-18.2%-0.6%7.2%
प्राथमिक क्षेत्र-3.8%8.8%21.8%
द्वितीयक क्षेत्र-2.3%7.0%33.6%
तृतीयक क्षेत्र-8.7%7.5%44.6%

4. झारखंड बनाम भारत – आर्थिक तुलना

वर्षभारत की वृद्धि दरझारखंड की वृद्धि दर
2011–12 से 2014–156.4%7.3%
2015–16 से 2018–197.2%9.4%
2019–203.7%1.1%
2020–21-6.6%-5.5%
  • झारखंड का राष्ट्रीय GDP में योगदान: 1.6% (2017–18 से स्थिर)

5. प्रति व्यक्ति आय (PCI)

  • 2000–01: ₹9,980 (रैंक: 25/28)
  • 2011–12: ₹41,254 (रैंक: 24/29)
  • 2020–21: ₹51,365 (स्थिर), ₹71,071 (वर्तमान)
  • 2022–23: ₹58,819 (स्थिर), ₹86,060 (वर्तमान)
  • रैंक: 26वाँ स्थान (28 राज्यों में)
  • केवल उत्तर प्रदेश और बिहार नीचे
  • गोवा की PCI: ₹2,98,527 (झारखंड से 481.2% अधिक)

6. झारखंड में महँगाई दर

वर्षझारखंडभारत
2016–175.3%4.5%
2017–183.9%3.6%
2018–193.9%3.5%
  • अक्टूबर 2019 के बाद: महँगाई दर 6% से ऊपर
  • 2022 में: अधिकांश महीनों में 6% से ऊपर

7. बहुआयामी गरीबी

NITI Aayog की MPI रिपोर्ट (2019–21)

  • गरीबी: 2015–16 में 42.16% से घटकर 2019–21 में 36.6%
    | सूचकांक | 2015–16 | 2019–21 |
    |———|———-|———-|
    | MPI | 0.246 | 0.183 |
    | ग्रामीण MPI | 0.202 | 0.160 |
    | शहरी MPI | 0.067 | 0.046 |
    | Headcount Ratio | 50.93% | 43.8% |
    | गरीबी तीव्रता | 44.24% | 41.5% |

8. राजकोषीय स्थिति और बजट

  • 2001–02 में बजट: ₹6,000 करोड़
  • 2021–22 में बजट: ₹78,000 करोड़ (13 गुना वृद्धि)
  • औसत वार्षिक वृद्धि दर: 13.6%
  • राजस्व अधिशेष: 2015–22 (2020–21 को छोड़कर)
  • राजकोषीय घाटा:
    • 2015–16: 5.58% (UDAY योजना हेतु ऋण)
    • 2020–21: 4.96%
    • 2021–22: 0.76%
    • 2022–23 (अनुमान): 2.96%
  • प्रति व्यक्ति ऋण (2019–20): ₹25,000

9. संस्थागत वित्तीय स्थिति

  • कुल बैंक शाखाएँ (2022): 3,210
    • वाणिज्यिक बैंक: 2,535
    • क्षेत्रीय ग्रामीण बैंक: 443
    • सहकारी बैंक: 117
    • स्मॉल फाइनेंस बैंक: 115
  • शाखा वृद्धि दर:
    • वाणिज्यिक बैंक: -0.7%
    • स्मॉल फाइनेंस बैंक: +27.8%
  • सबसे अधिक शाखाएँ: राँची (14%)
  • ATM वृद्धि दर (2014–22): झारखंड: 3.87%, भारत: 2.87%

10. पीएम-किसान योजना

  • 31.01 लाख किसान लाभान्वित (4 नवंबर 2022 तक)

प्रमुख कल्याण योजनाएँ और ग्रामीण विकास

वीर शहीद पोटो हो खेल विकास योजना (MGNREGA के तहत)

  • लक्ष्य: 5,000 खेल मैदान
  • पहचान: 4,398 स्थानों पर
  • कार्य आरंभ: 3,791
  • पूर्ण: 1,279

प्रधानमंत्री ग्रामीण सड़क योजना (PMGSY)

  • स्वीकृत: 33,053 किमी, पूर्ण: 27,663 किमी
  • श्रेष्ठ ज़िले: गुमला, गिरिडीह
  • कमज़ोर प्रदर्शन: धनबाद, कोडरमा

प्रधानमंत्री आवास योजना – ग्रामीण

  • लक्ष्य: 16,03,268 आवास
  • पूर्ण: 14,00,304 (87%)
  • लाभ: पक्का मकान, शौचालय, बिजली, जल

राष्ट्रीय सामाजिक सहायता कार्यक्रम

योजनालाभार्थीलाभ
इंदिरा गांधी वृद्धावस्था पेंशन60–79 वर्ष: ₹200, 80+ वर्ष: ₹500
विधवा पेंशन40–59 वर्ष की बीपीएल विधवाएँ: ₹200
विकलांग पेंशन18–59 वर्ष: ₹200
पारिवारिक लाभ योजनाबीपीएल कमाऊ की मृत्यु पर: ₹10,000 (एकमुश्त)
अन्नपूर्णा योजनावृद्ध बीपीएल, पेंशनविहीन: 10 किलो अनाज/माह
  • लाभार्थी: 33.47 लाख
  • महिला लाभार्थी: 58.31%
  • आधार सत्यापन: 94%

राज्य-विशिष्ट सामाजिक पेंशन योजनाएँ

योजनालाभार्थीमासिक पेंशन
विवेकानंद निःशक्त स्वावलंबन योजनाविकलांग: ₹1,000
राज्य सामाजिक सुरक्षा वृद्धावस्था पेंशनग्रामीण: ₹600, शहरी: ₹600
आदिम जनजाति पेंशनPVTGs: ₹600
विधवा सम्मान पेंशन₹600
एड्स/एचआईवी पेंशन₹600

अन्य प्रमुख कार्यक्रम

  • झारखंड एकीकृत आदर्श ग्राम योजना (JIGAY): विभिन्न योजनाओं का समन्वय
  • JSLPS: महिला सशक्तिकरण, गरीबी उन्मूलन
  • बैंक सखी, पशुधन सखी मॉडल, महिला किसान सशक्तिकरण योजना, SVEP, पालाश ब्रांड
  • JHIMDI प्रोजेक्ट (ड्रिप सिंचाई)
  • JOHAR परियोजना (विश्व बैंक सहयोग से): 2 लाख परिवारों को जोड़ने का लक्ष्य

पंचायती राज और शासन सुधार

  • संरचना: 24 जिला परिषद, 264 पंचायत समिति, 4,345 ग्राम पंचायत
  • 50% आरक्षण महिलाओं को
  • सुविधा: 396 पुस्तकालय, 1214 कंप्यूटर, 1326 पंचायतों में इंटरनेट

अन्य प्रमुख पहलें

  • PESA कानून: 131 ब्लॉक, 16 ज़िलों में लागू
  • राष्ट्रीय ग्राम स्वराज अभियान: 117 आकांक्षी ज़िले
  • पंचायत पुरस्कार 2022: बांगरकला, कपिलो, बुंडू
  • स्वामित्व योजना: ड्रोन आधारित भूमि सर्वे

शहरी विकास स्थिति

  • शहरी जनसंख्या: 24.05% (राष्ट्रीय औसत: 31.1%)
  • सबसे अधिक शहरी ज़िले:
    • धनबाद (58.1%),
    • पूर्वी सिंहभूम (55.6%),
    • बोकारो (47.7%)
  • सबसे कम: गोड्डा (4.9%)
  • झुग्गी आबादी: 3.73 लाख (72.4% कक्षा-I शहरों में)
  • सबसे अधिक: राँची (19.9%)

आर्थिक संकेतक

श्रम बल भागीदारी दर:

  • कुल मिलाकर: 41.9%
  • शहरी: 59.6%

बेरोजगारी दर (2019–20):

  • कुल मिलाकर: 9.3%
  • शहरी: 3.1%

गरीबी अनुपात (2011–12):

  • कुल मिलाकर: 36.9%

बहुआयामी गरीबी सूचकांक (2019–21):

  • कुल मिलाकर: 36.6%
  • शहरी: 11.1%

सामाजिक संकेतक

महिला साक्षरता (2019–21):

  • ग्रामीण: 61.7%
  • शहरी: 80.1%

पुरुष साक्षरता (2019–21):

  • ग्रामीण: 81.3%
  • शहरी: 92.0%
  • नवजात मृत्यु दर: 22.2%
  • शिशु मृत्यु दर: 37.9%
  • 5 वर्ष से कम बच्चों की मृत्यु दर: 45.4%
  • 5 वर्ष से कम उम्र के कम वजन वाले बच्चे: 39.4%

आवास सूचकांक

बिजली की पहुँच:

  • शहरी: 99.0%
  • कुल मिलाकर: 94.3%

सुरक्षित पेयजल की पहुँच:

  • शहरी: 86.6%
  • कुल मिलाकर: 75.9%

स्वच्छता सुविधा की पहुँच:

  • शहरी: 75.9%
  • कुल मिलाकर: 56.7%

स्वच्छ ईंधन का उपयोग:

  • शहरी: 71.0%
  • कुल मिलाकर: 31.9%

शहरी आजीविका और बुनियादी ढाँचा

राष्ट्रीय शहरी आजीविका मिशन (DAY–NULM)

  • शुरुआत: 2013 (SJSRY को बदलकर)
  • उद्देश्य: शहरी गरीबों के लिए कौशल विकास और स्वरोज़गार
  • मुख्य घटक:
    • सामाजिक संगठन और संस्थागत विकास
    • कौशल प्रशिक्षण और नियुक्ति
    • स्वरोज़गार कार्यक्रम
    • स्ट्रीट वेंडर समर्थन
    • शहरी बेघर लोगों के लिए आश्रय

मुख्यमंत्री श्रमिक योजना

  • शुरुआत: अगस्त 2020
  • लाभार्थी: कोविड के बाद लौटे प्रवासी मजदूर
  • उपलब्धि: 100 दिन का अकुशल वेतन रोजगार

पीएम स्वनिधि योजना

  • पूरा नाम: प्रधानमंत्री स्ट्रीट वेंडर्स आत्मनिर्भर निधि
  • शुरुआत: 1 जून 2020
  • प्रावधान:
    • ₹10,000 तक बिना गारंटी ऋण (1 वर्ष के लिए)
    • समय पर चुकौती पर 7% ब्याज सब्सिडी
    • भविष्य में ₹20,000 और ₹50,000 तक ऋण की सुविधा
    • स्वनिधि से समृद्धि” के तहत 8 कल्याणकारी योजनाओं से जुड़ाव

पेयजल और स्वच्छता

शहरी जल पहुँच (अगस्त 2022 तक):

  • केवल 21.2% शहरी परिवारों को नल का जल
  • 91% को शौचालय की सुविधा उपलब्ध

स्वच्छ भारत मिशन – शहरी

  • चरण 1: 2 अक्टूबर 2014 – 30 सितम्बर 2021
    • लक्ष्य: 100% खुले में शौच से मुक्ति (ODF)
  • चरण 2 (SBM-Urban 2.0): 1 अक्टूबर 2021
    • लक्ष्य: 100% कचरा-मुक्त शहर

स्वच्छ सर्वेक्षण 2022 की उपलब्धियाँ:

  • झारखंड राष्ट्रीय स्तर पर 2रा स्थान
  • चाईबासा (50k–1 लाख): बेस्ट सिटिजन फीडबैक अवार्ड
  • बुंडू (15k–25k): बेस्ट सिटिजन फीडबैक अवार्ड
  • जमशेदपुर: 3-स्टार के साथ सबसे स्वच्छ शहर घोषित
  • 15 ULBs ODF, 23 ODF+, 3 शहर ODF++ घोषित (जमशेदपुर, मेदिनीनगर, साहेबगंज)

AMRUT मिशन

  • शुरुआत: 2015
  • लक्ष्य: शहरी बुनियादी ढांचे और सेवाओं में सुधार
  • झारखंड के 7 शहर शामिल: धनबाद, राँची, देवघर, हजारीबाग, आदित्यपुर, चास, गिरिडीह
  • AMRUT 2.0 (2021):
    • शहरी जल आपूर्ति
    • जल निकायों का पुनर्जीवन
    • हरित स्थानों का विकास

नमामि गंगे परियोजना

  • शुरुआत: जून 2014 (₹20,000 करोड़ बजट)
  • लक्ष्य: प्रदूषण नियंत्रण, गंगा पुनर्जीवन
  • झारखंड को ₹250 करोड़ (अक्टूबर 2022 तक)

शनिवार – नो कार पहल

  • स्थान: राँची (मार्च 2021 से)
  • उद्देश्य: साइकिल चलाने की संस्कृति को प्रोत्साहन
  • PBS योजना: 2019 में 600 साइकिल और 60 स्टेशन

शहरी स्वास्थ्य पहल

  • मुख्य योजनाएँ:
    • आयुष्मान भारत
    • राष्ट्रीय शहरी स्वास्थ्य मिशन
    • अटल क्लिनिक: लक्ष्य – 100, संचालित – 99 (सितंबर 2022 तक)
      • पूर्वी सिंहभूम (17), धनबाद (12), राँची (12)

शहरी सौंदर्यीकरण व पर्यावरण संरक्षण

  • 35 पार्क विकसित (AMRUT के तहत) – 7 ULBs में
  • 13 जल निकाय पुनर्जीवित:
    • हजारीबाग (9), बसुकीनाथ (3), धनबाद (1 – राजेन्द्र सरोवर)

राँची स्मार्ट सिटी परियोजना

  • चयनित: 25 मई 2016
  • स्थान: HEC क्षेत्र (656.3 एकड़)
  • सम्मान: स्मार्ट सिटी लीडरशिप अवार्ड

कृषि एवं सहायक गतिविधियाँ

प्रमुख कार्यक्रम:

  • ब्लॉकचेन द्वारा बीज वितरण (भारत में पहली बार)
  • झारखंड कृषि ऋण माफी योजना
  • कृषि समृद्धि योजना, बिरसा पाठशाला, एग्री क्लिनिक, किसान हेल्पलाइन

भूमि उपयोग:

  • शुद्ध बुवाई क्षेत्र: 17% (13.28 लाख हेक्टेयर)
  • वन क्षेत्र: 28%
  • परती भूमि: 17% (अन्य परती: 13%)

भूमिधारण पैटर्न:

प्रकारप्रतिशत
सीमांत (<1 हेक्टेयर)70%
लघु + सीमांत (<2 हेक्टेयर)85%
अर्ध-मध्यम (2–4 हेक्टेयर)10%
मध्यम (4–10 हेक्टेयर)5%
बड़े (>10 हेक्टेयर)1%

फसल उत्पादन एवं उत्पादकता (2021–22)

खरीफ फसलें:

  • धान: 5,365.17 हजार टन | उत्पादकता: 3042 किग्रा/हेक्टेयर
  • मक्का: 606.43 हजार टन | 2225 किग्रा/हेक्टेयर

रबी फसलें:

  • गेहूँ: 519.36 हजार टन | 2282 किग्रा/हेक्टेयर
  • दालें: 449.70 हजार टन | 3853 किग्रा/हेक्टेयर
  • तेल बीज: 364.86 हजार टन | 2271 किग्रा/हेक्टेयर
  • फसल तीव्रता: 140.8 (2017–18) → 135.8 (2021–22)

सिंचाई और कृषि वित्त

  • माइक्रो सिंचाई (ड्रिप 59%, स्प्रिंकलर 41%)
  • कवरेज: 43,399 हेक्टेयर
  • स्रोत: कुएँ (37%), तालाब (30%), अन्य (31%), नहरें (2%)
  • क्रेडिट वृद्धि दर: 9.91% (2021–22 से 2022–23)
  • सभी KCC खाते स्मार्ट KCC (ATM सुविधा) में बदले गए

बागवानी विकास

सब्जी उत्पादन:

  • 2017–18: 34.75 लाख टन → 2021–22: 38.18 लाख टन
  • शीर्ष: आलू (6.99L टन), मटर (4.29L), पत्ता गोभी (3.20L)

फल उत्पादन:

  • 2017–18: 10.81 लाख टन → 2021–22: 13.12 लाख टन
  • शीर्ष: आम, कटहल

डेयरी विकास

  • दूध उत्पादन: 2001–02: 25.75 लाख लीटर/दिन → 2019–20: 59.80 लाख लीटर/दिन
  • प्रति व्यक्ति दूध उपलब्धता: 96 ग्राम/दिन → 182 ग्राम/दिन
  • 2023–24 का लक्ष्य: 33.67 लाख मीट्रिक टन

मत्स्य पालन उत्पादन

  • 2017–18: 1.9 लाख टन → 2021–22: 2.5 लाख टन

प्रमुख कृषि योजनाएँ एवं पहल

बीज वितरण और विनिमय कार्यक्रम:

  • झारखंड पहला राज्य बना जिसने बीज वितरण के लिए ब्लॉकचेन तकनीक (SettleMint) का उपयोग किया।

झारखंड कृषि ऋण माफी योजना:

  • शुरू: 2020–21
  • बजट: ₹2,000 करोड़
  • लाभ: प्रत्येक मानक खाते पर ₹50,000 तक ऋण माफ
  • लाभार्थी:
    • 2021–22 में: 1.34 लाख
    • 2022–23 में: 3.94 लाख

ई-नाम (राष्ट्रीय कृषि बाजार):

  • झारखंड के 19 थोक बाजार पंजीकृत
  • सबसे सक्रिय: हजारीबाग – ₹7.65 करोड़ व्यापार

बिरसा फसल विस्तार योजना:

  • उद्देश्य: किसानों को सब्सिडी पर बीज उपलब्ध कराना
  • आवंटन: ₹20 करोड़

एकीकृत बिरसा गाँव सह किसान पाठशाला:

  • शुरू: 15 अगस्त 2021
  • प्रशिक्षण: कृषि, मत्स्य, सुअर पालन आदि
  • बजट: ₹90 करोड़

झारखंड राज्य फसल राहत योजना:

  • PMFBY की जगह लागू (2020–21 से)
  • प्राकृतिक आपदा में क्षतिपूर्ति
  • प्रारंभिक कोष: ₹2,100 करोड़

खाद्य एवं पोषण सुरक्षा

NFSA राज्य रैंकिंग सूचकांक 2022:

  • झारखंड 10वें स्थान पर (कुल 20 राज्य/UT में)
  • NFSA कवरेज में सर्वश्रेष्ठ
  • अन्य रैंकिंग:
    • डिलीवरी – 14
    • पोषण पहल – 5

भंडारण एवं सार्वजनिक वितरण प्रणाली (PDS) अवसंरचना:

  • चावल का सबसे अधिक भंडारण: पूर्वी सिंहभूम
  • गेहूं: दुमका
  • नमक: लातेहार
  • चीनी: धनबाद
  • PDS डीलर कुल: 25,094 (इनमें से 23,761 ऑनलाइन-सक्षम)
  • ज्यादा डीलर वाले जिले:
    • राँची (2,134), गिरिडीह (2,133), धनबाद (1,627)
  • कम डीलर: लोहरदगा (398)
  • PDS दुकानों में से: 89% निजी, 11% स्वयं सहायता समूहों द्वारा

राशन कार्ड के प्रकार:

  • गुलाबी: PHH
  • पीला: AAY
  • हरा: PHH या AAY में शामिल नहीं
  • सफेद: वार्षिक आय ₹1 लाख से अधिक वाले परिवार

जनवरी–दिसंबर 2022 में PDS के माध्यम से वितरण:

  • अनाज (चावल + गेहूं): 2,448.5 हजार टन
    • शीर्ष जिले: गिरिडीह, राँची, धनबाद
  • नमक: राँची, पलामू, हजारीबाग
  • चीनी: गिरिडीह, साहिबगंज, पलामू
  • केरोसिन: राँची, गिरिडीह, देवघर

प्रमुख खाद्य सुरक्षा एवं पोषण पहल

  • CM पेट्रोल सब्सिडी योजना (2022):
    • ₹250/माह दोपहिया वाहन ईंधन के लिए (NFSA लाभार्थियों को)
  • दाल वितरण योजना:
    • 1 किग्रा दाल/माह ₹1 में
  • PMGKAY (दिसंबर 2022 तक):
    • NFSA लाभार्थियों को 5 किग्रा अतिरिक्त मुफ्त अनाज/माह
  • झारखंड राज्य खाद्य सुरक्षा योजना:
    • NFSA से बाहर के व्यक्तियों को कवर
    • लाभ: ₹1/kg दर पर 5 किग्रा अनाज/माह
    • लाभार्थी सीमा: 15 लाख से बढ़ाकर 20 लाख (2022–23 में)
  • डाकिया योजना (2017):
    • 73,891 PVTG परिवारों को 35 किग्रा मुफ्त अनाज/माह
  • चावल फोर्टिफिकेशन योजना:
    • 22 जिलों में लागू
    • अधिकतम कवरेज: हजारीबाग, धनबाद, राँची
  • अन्नपूर्णा योजना:
    • IGNOAPS से बाहर वृद्धों को 10 किग्रा चावल/माह मुफ्त
  • AAY चीनी वितरण योजना:
    • सब्सिडी ₹18.50/किग्रा (भारत सरकार द्वारा)
  • नमक वितरण:
    • PHH और AAY परिवारों को मुफ्त परिष्कृत आयोडीन युक्त नमक
  • केरोसिन वितरण योजना:
    • सब्सिडी मूल्य पर, DBT के माध्यम से

CM दाल-भात योजना

  • ₹5 में गरीबों को भोजन
  • 377 केंद्र और 11 रात्रि भोजन केंद्र संचालित
  • पायलट CM कैंटीन: राँची एवं जमशेदपुर में

राज्य आकस्मिक खाद्य कोष (2018–19):

  • आपातकाल में 10 किग्रा अनाज मुफ्त/रियायती दर पर

सोना सोबरन धोती-साड़ी वितरण योजना

  • NFSA लाभार्थी परिवारों को प्रति वर्ष 2 बार सस्ती दर पर वस्त्र (धोती, साड़ी, लुंगी)

पोषण सुरक्षा

पोषण अभियान (शुरुआत: 8 मार्च 2018):

  • लाभार्थी: बच्चे, गर्भवती महिलाएँ, स्तनपान कराने वाली माताएँ
  • 24 जिलों में लागू

SAAMAR (शुरुआत: मार्च 2021):

  • लक्ष्य: कुपोषण और एनीमिया
  • SAAMAR ऐप द्वारा ट्रैकिंग
  • लक्षित समूह:
    • 0–9 वर्ष के बच्चे
    • 10–19 वर्ष की किशोरी लड़कियाँ
    • 20–24 वर्ष की महिलाएँ
    • गर्भवती एवं स्तनपान कराने वाली महिलाएँ

POSHAN के अंतर्गत विषयगत आयोजन:

  • महिला स्वास्थ्य
  • पारंपरिक पोषण शिक्षा
  • जल प्रबंधन
  • पोषण भी, पढ़ाई भी” एकीकरण

सर्वश्रेष्ठ प्रदर्शन करने वाले जिले:
गुमला, देवघर, दुमका

PM पोषण योजना (पूर्व: मध्याह्न भोजन योजना)

  • कक्षा 1–8 तक के सभी सरकारी व सहायता प्राप्त स्कूलों में लागू

मृत्यु दर (NFHS-5, 2019–21)

संकेतकझारखंडभारत
5 वर्ष से कम मृत्यु दर45.441.9
नवजात मृत्यु दर28.224.9
शिशु मृत्यु दर37.935.2
मातृ मृत्यु दर (SRS 2018–20)56 प्रति लाख97 प्रति लाख

झारखंड में उद्योग एवं निर्माण क्षेत्र

  • राज्य सरकार द्वारा कई नीतियाँ बनाई गईं
  • उद्योग का GSDP और रोज़गार में महत्वपूर्ण योगदान
  • औद्योगिक इकाइयों में वृद्धि (2018–19 से 2019–20): 0.6%
  • FDI (2021–22): ₹48 करोड़ (US $6 मिलियन)
  • FDI प्राप्त (अक्टूबर 2019 से जून 2022): ₹19,290 करोड़ (US $2.656 बिलियन)


Read more about :- झारखंड की अर्थव्यवस्था और बुनियादी ढांचा (2025) – एक व्यापक अवलोकन (II)

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झारखंड विभिन्न प्रकार के शैक्षणिक संस्थानों – विश्वविद्यालयों, अनुसंधान केंद्रों, चिकित्सा महाविद्यालयों और राष्ट्रीय महत्व के संस्थानों – का घर है। यह ब्लॉग इन संस्थानों का जिला-वार और प्रकार-वार वर्गीकरण